झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

भटके को आईना दिखाने की भूख है

भटके को आईना दिखाने की भूख है
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छपने की भूख ना छपाने की भूख है
भटके को आईना दिखाने की भूख है

कौन यहाँ सुनता है आज सभी बोले
अपनी खुशी, गम का राज भी ना खोले
पहले से देश में प्रदूषित हवा है
ऊपर से बोल के जहर और घोले
बेबस को इनकी दबाने की भूख है
भटके को आईना —–

करते हैं वादे, जगाते हैं आशा
लेकिन सभी दिल में छायी निराशा
पक्ष या विपक्ष पहले शिष्ट थे विरोध में
फिर क्यों चलन आज गाली की भाषा
तल्खी में आँकड़े छुपाने की भूख है
भटके को आईना —–

सच में ना झूठ का पुलिन्दा रहेगा
झूठ बोलकर वो शर्मिन्दा रहेगा
लाखों शहीदों ने देश जो बनाया
लोकतंत्र हर हाल जिन्दा रहेगा
खुशबू सुमन की फैलाने की भूख है
भटके को आईना —–

श्यामल सुमन