भजो राम का नाम
***************
भूख लगी तो चुप रहो, क्यों करते बदनाम?
चाहत यही निजाम की, भजो राम का नाम।।
मँहगाई सिखला रही, सह लेने की सीख।
कुछ सरकारी भीख से, दबा रहे हैं चीख।।
भटक रहे युव-जन अभी, बिना काम बेकार।
इधर बनाता मीडिया, नफरत का बाजार।।
सभी धरम के मूल में, मानवता का मर्म।
लेकिन भूखों के लिए, रोटी पहला धर्म।।
आपस में भूखे लड़ें, धरम नाम पर भाय।
खेल सियासी है यही, नित रिश्ते चटकाय।।
खेले जाएंगे अभी, कई सियासी चाल।
कितने दिन तक हम बनें, मूरख या वाचाल??
नफरत की आँधी मगर, सुमन हाथ में दीप।
अंधकार जो है घना, करना उसे प्रदीप।।
श्यामल सुमन
सम्बंधित समाचार
गर्भवती महिला को डालसा पीएलवी एमजीएम अस्पताल में भर्ती कराकर ब्लड चढ़वाया, ऑपरेशन से बच्ची जन्म ली
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस पर सिविल डिफेंस जमशेदपुर ने मानगो में किया पौधारोपण
प्रतिकार वाहन यात्रा में भारी संख्या में शामिल हुए कांग्रेसजन मणिपुर नरसंहार एवं माता बहनों के चीरहरण के खिलाफ जारी रहेगा आंदोलन – आनन्द बिहारी दुबे