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भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है’, ‘मन की बात’ में सरकार के सात साल पूरे होने पर बोले पीएम मोदी

भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है’, ‘मन की बात’ में सरकार के सात साल पूरे होने पर बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के 77वां संस्करण के तहत लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि किस प्रकार से देश पूरी ताक़त के साथ कोविड-19 के खिलाफ़ लड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले सौ सालों में यह सबसे बड़ी महामारी है और इसी महामारी के बीच भारत ने अनेक प्राकृतिक आपदाओं का भी डटकर मुकाबला किया है. पीएम मोदी ने कहा कि मैं उन सभी लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपने करीबियों को खोया है. हम सभी इस मुश्किल घड़ी में उन लोगों के साथ मज़बूती से खड़े हैं, जिन्होंने इस आपदा का नुक़सान झेला है. उन्होंने कहा कि चुनौती कितनी ही बड़ी हो, भारत का विजय का संकल्प भी हमेशा उतना ही बड़ा रहा है. देश की सामूहिक शक्ति और हमारे सेवा-भाव ने, देश को हर तूफ़ान से बाहर निकाला है. 
साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब
पीएम मोदी ने कहा कि आज तीस मई को हम ‘मन की बात’ कर रहे हैं और संयोग से यह सरकार के सात साल पूरे होने का भी समय है. इन वर्षों में देश ‘सबका-साथ, सबका-विकास, सबका-विश्वास’ के मंत्र पर चला है. उन्होंने कहा कि इन सात वर्षों में जो कुछ भी उपलब्धि रही है, वह देश की रही है, देशवासियों की रही है. कितने ही राष्ट्रीय गौरव के क्षण हमने इन वर्षों में साथ मिलकर अनुभव किए हैं. बकौल पीएम, जब हम यह देखते हैं कि अब भारत दूसरे देशों की सोच और उनके दबाव में नहीं, अपने संकल्प से चलता है, तो हम सबको गर्व होता है. उन्होंने कहा कि जब हम देखते हैं कि अब भारत अपने खिलाफ साज़िश करने वालों को मुंहतोड़ ज़वाब देता है तो हमारा आत्मविश्वास और बढ़ता है. 
70 साल बनाम 7 साल  पीएम ने कहा कि जब भारत राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर समझौता नहीं करता, जब हमारी सेनाओं की ताकत बढ़ती हैं, तो हमें लगता है कि हम सही रास्ते पर हैं. उन्होंने कहा कि कितने ही लोग देश को धन्यवाद देते हैं कि 70 साल बाद उनके गांव में पहली बार बिजली पहुंची है, उनके बेटे- बेटियाँ उजाले में, पंखे में बैठ करके पढ़ रहे हैं. कितने ही लोग कहते हैं कि हमारा भी गाँव अब पक्की सड़क से, शहर से जुड़ गया है. ऐसे ही कहीं कोई बैंक खाता खुलने की खुशी साझा करता है, तो कोई अलग-अलग योजनाओं की मदद से जब नया रोज़गार शुरू करता है तो उस खुशी में मुझे भी आमंत्रित करता है, उन्होंने बताया कि मुझे याद है एक आदिवासी इलाके से कुछ साथियों ने मुझे संदेश भेजा था कि सड़क बनने के बाद पहली बार उन्हें ऐसा लगा कि वह भी बाकी दुनिया से जुड़ गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर मिलने के बाद गृहप्रवेश के आयोजन में कितने ही निमंत्रण मुझे हमारे देशवासियों की ओर से लगातार मिलते रहते हैं. इन सात सालों में आप सबकी ऐसी करोड़ों खुशियों में, मैं शामिल हुआ हूं.