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बीस सूत्री गठन पर कांग्रेस का दावा अगस्त के पहले सप्ताह में होगा गठन

बीस सूत्री गठन पर कांग्रेस का दावा अगस्त के पहले सप्ताह में होगा गठन

झारखंड में निगरानी समिति और बीस सूत्री के गठन को लेकर कई दिनों से सत्तारूढ़ दलों के बीच दावों और प्रतिदावों का खेल चल रहा है. जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी में इसको लेकर अब तक आम सहमति नहीं बनी है. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने अगस्त के पहले हफ्ते में इसके गठन का दावा किया है. उनके इस दावे पर कई सियासी सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
रांची: झारखंड में बीस सूत्री और निगरानी समिति के गठन पर रस्साकशी के बीच कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के दावे ने कई सवालों को खड़ा कर दिया है. रामेश्वर उरांव के जल्द ही बीस सूत्री के गठन के बयान पर इसके फार्मूले को लेकर चर्चा तेज हो गई है. राज्य के सियासी हलकों में जहां पूरी प्रक्रिया के ठंडे बस्ते में जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. वहीं, कांग्रेस अपने अध्यक्ष के बयान के साथ खड़ी है. इस मसले पर झारखंड कांग्रेस का कहना है कि मुख्यमंत्री से कांग्रेस की एक समिति ने बात की है. कांग्रेस के मुताबिक अगस्त के पहले सप्ताह में सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएगी.
बीस सूत्री गठन को लेकर कांग्रेस ने एक समिति बनाई है जो गठबंधन के घटक दलों के साथ इस मुद्दे पर समन्वय स्थापित करेगी. इस समिति में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव, नेता विधायक दल आलमगीर आलम, कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, राजेश ठाकुर शामिल हैं. हाल ही में इस समिति में प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम और अमूल्य नीरज खलखो को भी जोड़ा गया है. कांग्रेस के इस समिति के साथ जेएमएम के दो नेता और आरेजडी भी अपनी बात रखेगा. रामेश्वर उरांव के मुताबिक सहयोगी दलों के बीच समन्वय स्थापित कर फार्मूला तैयार किया जाएगा और इस महीने के अंत तक बीस सूत्री के गठन के लिए सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली जाएगी.
कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि बीस सूत्री के गठन के लिए कांग्रेस की समिति लगातार कोशिश करती रही है. लेकिन पिछले कुछ महीने कोरोना में बीत जाने के कारण देरी हुई है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात कर कांग्रेस की तरफ से दो लोगों का नाम दिया है. राजेश ठाकुर ने भी अगस्त के पहले सप्ताह में बीस सूत्री के गठन की उम्मीद जताई है.
झारखंड में सरकार गठन के डेढ़ साल बाद भी बीस सूत्री के गठन नहीं होने से कई सवाल उठ रहे थे. ऐसे में कांग्रेस का नया दावा कितना सही साबित होता है वह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा.