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अंग्रेजों से लोहा लेने वाली सेनानी की जमीन पर पुलिसवालों और माफिया का कब्जा, बेटे को पड़ रहा भटकना

आजाद हिंद फौज की रानी लक्ष्मीबाई विंग में रहकर अंग्रेजों से लोहा लेने वाली गीता रानी घोष की देवघर की जमीन पर पुलिसवालों और माफिया ने कब्जा कर लिया है. रविवार को पत्रकारों से रूबरू हुए उनके अस्सी वर्षीय बेटे असीम मोहन घोष ने लोगों से उनकी जमीन बचाने में मदद की अपील की.

रांचीः आजाद हिंद फौज की रानी लक्ष्मीबाई विंग में रहकर अंग्रेजों से लोहा लेने वाली गीता रानी घोष की देवघर की जमीन पर पुलिसवालों और माफिया ने कब्जा कर लिया है. अब मां की ख्वाहिश के मुताबिक उस पर अनाथालय बनवाने के लिए उनका 80 वर्षीय बेटा जमीन के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. वे राष्ट्रपति से लेकर तमाम बड़े अधिकारियों तक से गुहार लगा चुके हैं पर कोई भी सेनानी के बेटे की मदद के लिए आगे नहीं आया. रविवार को रांची में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर गीता रानी के बेटे असीम मोहन घोष ने अपनी पीड़ा बताई.
असीम ने मीडिया को बताया कि जमीन माफिया और पुलिसवालों ने मिलकर स्वतंत्रता सेनानी की जमीन पर ही कब्जा जमा लिया है. देवघर में बिग बाजार के पास स्थित एक बड़े भूखंड पर पुलिसकर्मियों ने कब्जा जमा लिया है जबकि दूसरे हिस्से पर जमीन माफिया कब्जा कर चुका है. जिस जमीन पर माफिया और पुलिस वाले कब्जा कर रह रहे हैं वह जमीन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज से जुड़ी गीता रानी घोष का है. स्वर्गीय गीता रानी घोष के पुत्र असीम मोहन घोष लगातार झारखंड के सरकारी बाबुओं के चक्कर लगा रहे हैं ताकि उनकी जमीन उन्हें वापस मिल सके पर कोई उनकी पुकार नहीं सुन रहा है.असीम मोहन घोष ने बताया कि उनकी मां गीता रानी घोष की आखिरी इच्छा थी कि उनकी जमीन पर एक अनाथालय बने लेकिन उस जमीन पर पुलिस वालों ने माफिया के साथ मिलकर कब्जा कर लिया है.
राजधानी रांची पहुंचे असीम ने लोगों से गुहार लगाई कि वे उनकी जमीन को बचाने में मदद करें. असीम के अनुसार उन्होंने अपनी पैतृक जमीन पर मालिकाना हक पाने के लिए राष्ट्रपति, पीएम, झारखंड के सीएम, चीफ सेक्रेट्री, डीजीपी से लेकर कई सीनियर अफसरों तक को पत्र लिखा है. लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. असीम चाहते हैं कि उनके पैतृक संपत्ति पर माफिया ने जो कब्जा किया है उसे सरकार की मदद से मुक्त करवाया जाए ताकि उनकी मां का अनाथालय बनवाने का सपना पूरा किया जा सके.