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अमृत महोत्सव निमित्त स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी का मुख्‍यमंत्री एकनाथजी शिंदे के करकमलों से सम्मान 

अमृत महोत्सव निमित्त स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी का मुख्‍यमंत्री एकनाथजी शिंदे के करकमलों से सम्मान

वेद परंपरा के संरक्षक विश्वभर में गीता का प्रसार करने वाले एवं श्री रामजन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्‍यास के कोषाध्‍यक्ष स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराज के अमृत महोत्सव निमित्त महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री एकनाथजी शिंदे के करकमलों से  स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी का सम्मान किया गया ।‘स्‍वातंत्र्यवीर सावरकर राष्‍ट्रीय स्‍मारक’ एवं ‘हिंदू जनजागृति समिति’ के संयुक्त तत्वावधान में ‘स्‍वातंत्र्यवीर सावरकर राष्‍ट्रीय स्‍मारक’, शिवाजी पार्क, दादर, मुंबई में ‘अमृत-महोत्‍सव सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया था । इस समय  स्वामीजी की धाराप्रवाह वाणी में मार्गदर्शन से उपस्थित राष्ट्र एवं धर्माभिमानी एक ऊर्जा एवं प्रेरणा लेकर बाहर निकले

इस समय व्यासपीठ पर प्रमुख अतिथि के रूप में राज्य के शालेय शिक्षामंत्री तथा मुंबई के संरक्षक मंत्री दीपक केसरकर, विधान परिषद की उपसभापति डॉ. नीलम गोऱ्हे, शिवसेना के विधायक  भरतशेठ गोगावले, स्‍वातंत्र्यवीर सावरकर राष्‍ट्रीय स्‍मारक के कार्याध्‍यक्ष  रणजीत सावरकर, हिन्दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता  रमेश शिंदे एवं सुदर्शन न्‍यूज के प्रमुख संपादक  सुरेश चव्‍हाणके आदि अन्य कई लोग उपस्‍थित थे । इस अवसर पर सुदर्शन न्‍यूज के प्रमुख संपादक  सुरेश चव्‍हाण  ने  स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी से प्रकट भेंटवार्ता की । स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष  रणजीत सावरकर द्वारा लिखित ‘मेक शुअर गांधी इज डेड’ नामक पुस्तक का लोकार्पण इस अवसर पर मान्यवरों के करकमलों से किया गया ।

स्वामीजीका तपस्वी जीवन चिलचिलाती धूप में वटवृक्ष के समान छाया देने वाला  – एकनाथ शिंदे, मुख्यमंत्री

स्वामीजी समान तपस्वी ने धर्म के लिए किया हुआ कार्य चिलचिलाती धूप में वटवृक्ष के समान छाया देनेवाला है । प्रतियोगिता के इस युग में सबको संतों के मार्गदर्शन का आधार लगता है । संतों के मार्गदर्शन के कारण हम जनता की सेवा कर सकते हैं । स्वामीजी के अखंडित कार्य एवं मार्गदर्शन से समाज को लाभ हो रहा है स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी ने 75 वर्ष अखंड यज्ञकुंड प्रज्वलित किया है  स्वयं के लिए सभी जीते है; परंतु स्वामीजी जैसे व्यक्तित्व देश के लिए कार्य करते हैं, यह हमारा भाग्य है  हमारी प्राचीन संस्कृति, मंदिर एवं छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित गढ एवं किलों की रक्षा के लिए मैं स्वयं प्रयत्नशील हूं, ऐसा प्रतिपादन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री  एकनाथ शिंदे ने इस समय किया ।

छत्रपति शिवाजी महाराज एवं वीर सावरकरजी की विचारधारा देश को तारनेवाली – स्वामी गोविंददेव गिरि महाराज

मेरे विचारों की गंगा वीर सावरकर एवं स्वामी विवेकानंद इन दो तटों से बहती रही, इसलिए वह श्रीराम मंदिर तक पहुंच सकी । छत्रपति शिवाजी महाराज एवं वीर सावरकरजी की विचारधारा देश को तारनेवाली है । अनेक पीढियों के पश्चात श्रीराम मंदिर खडा हुआ है । अब इसी पीढी में हमारे राष्ट्र को खडे होते हुए देखने का अनुभव हम करेंगे । मैंने संसार का सर्व वाङ्मय पढा; परंतु संसार के इतिहास में छत्रपति शिवाजी महाराज एवं संत ज्ञानेश्वर महाराजजी जैसे रत्न नहीं हैं । महाराष्ट्र यदि इनका आदर्श लेकर चलेगा, तो महाराष्ट्र पुनः एक बार संसार का नेतृत्व करेगा, ऐसा  स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी ने कहा ।

स्वामी गोविंददेव गिरी महाराजजी का अध्यात्म समष्टि के लिए -रणजीत सावरकर, कार्याध्यक्ष, स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक

अध्यात्म का प्रमुख ध्येय मोक्ष होता है; परंतु स्वामी गोविंददेव गिरी महाराजजी का अध्यात्म समष्टि के लिए हैं । स्वामीजी आपने संन्यास लिया, साथ ही राष्ट्र कार्य भी किया है । राष्ट्र के लिए आपने किया हुआ सबसे बडा कार्य श्रीराम मंदिर है; क्योंकि प्रभु श्रीराम हमारे राष्ट्र के प्राण हैं । वीर सावरकरजी ने कहा था, जब हम राम को भुला देंगे, तब हमारे देश के प्राण निकल जाएंगे । रामजन्मभूमि की घोषणा हुर्इ, तब स्वामीजी आप पर कोषाध्यक्ष का उत्तरदायित्व आया । यह उत्तरदायित्व अत्यंत पारदर्शक पद्धति एवं आणि अत्यंत समयबद्ध पद्धति से निभाते हुए आपने राममंदिर खडा किया है, ऐसा प्रतिपादन स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के कार्याध्यक्ष श्री. रणजित सावरकरजी ने किया ।

इस समय हिन्दू जनजागृति समिति के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता  रमेश शिंदे ने कहा,  स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी राष्ट्रयोगी संत हैं । धर्म एवं अध्यात्म सहित राष्ट्रविषयक महत्त्वपूर्ण विचारधन स्वामीजी दे रहे हैं । वे भारत के सर्व हिन्दुत्व निष्ठों के लिए पितृतुल्य है । आदर्श राज्य अर्थात रामलला के लिए स्वामीजी के माध्यम से कोषाध्यक्ष भी ‘आदर्श’ मिले हैं । स्वामीजी के जीवन का आदर्श लेकर धर्म एवं मंदिर की रक्षा एवं हिन्दू राष्ट्र के कार्य के लिए हिन्दू आगे आएं

स्वामीजी ने कोरोना काल में गीता एवं अध्यात्म पर सैकडों प्रवचन ऑनलाईन लेकर 100 से अधिक दशों के लोगों को धीरज बंधाया । आशीर्वाद दिया । उनका यह कार्य अत्यंत उल्लेखनीय है । स्वामीजी आप सर्व धार्मिक विचार समझकर उनसे अनुभूति देने का का कार्य कर रहे हैं, ऐसा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोऱ्हे ने कहा । शिवसेना के सांसद श्री. राहुल शेवाळे, भाजपा के मुंबई प्रदेश अध्‍यक्ष विधायक श्री. आशिष शेलार, भाजपा के प्रवक्‍ता तथा विधायक श्री. अतुल भातखळकर ने भी अपने विचार व्यक्त कर प.पू. स्‍वामी गोविंददेव गिरि महाराजजी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की ।

राष्ट्रगीत एवं ‘जय जय महाराष्ट्र माझा…’ राज्यगीत से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ । तत्पश्चात स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक के संगीत विभाग के विद्यार्थियों ने गीत ‘सकल जगामध्ये छान, आमुचा प्रियकर हिंदुस्तान…’ प्रस्तुत किया । तदुपरांत मान्यवरों के हस्ते दीपप्रज्ज्वलन हुआ एवं संतों का सम्मान एवं मान्यवरों का सत्कार किया गया । कार्यक्रम के अंत में अग्नी फाउंडेशन के जालस्थल, लोगो एवं ऍप का अनावरण किया गया । ‘वन्दे मातरम्’ से कार्यक्रम का समापन हुआ । इस अमृत-महोत्‍सव सम्मान समारोह में विविध क्षेत्रों के मान्‍यवरों सहित बडी संख्या में हिन्दू बंधु उपस्थित थे ।

स्‍वप्‍नील सावरकर सहकार्यवाहक, स्‍वातंत्र्यवीर सावरकर राष्‍ट्रीय स्‍मारक,