ऐ दिल तू प्यार नहीं करना
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ऐ दिल तू प्यार नहीं करना, धोखे कितने इस रस्ते में?
अक्सर वे देते जख्म जिन्हें, कहते अपने इस रस्ते में।
साहिल से सागर देख जरा, पानी ही पानी दिखता है।
क्या तेरी प्यास बुझी चाहे, पानी जितने इस रस्ते में।
कहते जीवन को सपना पर, जीवन चलता है सपनों से।
जबतक जीवन देखो हरदम, नूतन सपने इस रस्ते में।
संघर्ष बहुत जीवन में फिर, उतना ही प्यार जरूरी है।
दोनों का मान रखो तो गम, लगता बँटने इस रस्ते में।
जीवन कुन्दन जैसा सबका, जीवन से ये सीखा है सुमन।
फिर अँधियारा इस जीवन से, लगता छँटने इस रस्ते में।
श्यामल सुमन
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