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अग्नि पीड़ितों के लिए खुला “गुरुद्वारा” का द्वार चल रहा लंगर, नेताओं का दौरा जारी

अग्नि पीड़ितों के लिए खुला “गुरुद्वारा” का द्वार चल रहा लंगर, नेताओं का दौरा जारी

धनबाद – मंगलवार की शाम धनबाद के आशीर्वाद टावर में लगी आग में जहाँ एक ओर चौदह लोगों की जलकर मौत हो गई है तो वहीं इस अग्निकांड में चौदह लोग घायल हैं। इस घटना में सबसे ज्यादा शिकार सुबोध श्रीवास्तव के घर शादी समारोह में आए उनके रिश्तेदार हुए है। आज सुबह से ही अस्पताल में भर्ती घायलों को देखने के लिए अलग अलग दल के नेता, जनप्रतिनिधि, व्यापारी वर्ग सहित आम लोगों का तांता लगा हुआ है तो वहीं धनबाद के एसएनएमएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस में रखे शवों का अंतिम संस्कार के लिए अपने साथ ले जाने के लिए आए उनके परिजन यहाँ जमे हुए है। इधर इस घटना में बेघर हुए लोगों के लिए सिख समुदाय के लोगों ने अपने गुरुद्वारा का द्वार खोल दिया है।

बता दें कि आशीर्वाद अपार्टमेंट में मंगलवार की रात शादी थी। शादी अपार्टमेंट में रहने वाले सुबोध श्रीवास्तव की बेटी स्वाति की थी। जिससे अपार्टमेंट में काफी रौनक था। लेकिन एक दीये से लगी आग ने इस रौनक को मौत के मातम में बदल दिया। शादी तो हुई लेकिन मातम के शाये में। इस अग्निकांड में दुल्हन स्वाति की माँ, भाई, दादा-दादी समेत एक ही परिवार के 14 लोगों की मौत हो गई। इस अगलगी के बाद सुबोध श्रीवास्तव के घर शादी में आए रिश्तेदार, मेहमान सहित अपार्टमेंट के अन्य लोग कुछ ही घंटों में बेघर हो गए।

यहाँ आश्रय लिए लोगों के लिए गुरुद्वारे की ओर से विशेष लंगर की व्यवस्था की गई है। सुबह चाय-नास्ता के साथ बच्चों के लिए दूध-बिस्किट, भोजन की व्यवस्था के साथ दवा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के सदस्य रविन्द्र सिंह ने कहा कि इस दुख की घड़ी में बस वे अपना फर्ज पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जितनी बड़ी आपदा इन परिवारों के ऊपर आई है भगवान से बस हम प्रार्थना ही कर सकते है कि इन्हें उस दुःख से लड़ने की शक्ति मिल सके।
वहीं दूसरी ओर धनबाद एसएनएमएमसीएच में पोस्टमार्टम हाउस में घटना में मारे गए लोगों का शव रखा है। जिनके परिजन स्वाति की विदाई के बाद से ही यहाँ जमे हैं। वह पोस्टमार्टम पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि वह अपने परिजनों का शव अपने साथ अपने घर अंतिम संस्कार के लिए ले जा सकें। यहाँ चारों ओर चीख पुकार मची है। अब भी किसी को विश्वास नहीं हो रहा कि उनके अपने अब उनसे दूर जा चुके हैं
पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रोती बिलखती एक महिला से बात करने पर पता चला कि इस विवाह में उनकी बेटी साबित, नाती 7 वर्षीय अमन, चार साल की पोती, उनकी दो बहनें मालती और आशा शरीक होने आई हुई थी। उन्होंने बताया कि वह अपने पति के स्वास्थ्य खराब होने की वजह से इस विवाह में नहीं आ सकी। कल रात उन्हें घटना की जानकारी मिली, जब वह यहाँ पहुंची तो उन्हें पता चला कि उनकी बेटी, नाती, पोती और दोनों बहनों की मौत हो चुकी है। ऐसे ही यहाँ कई परिजन मिले जिन्होंने असमय ही अपनो को इस अग्निकांड में खो दिया
मथुरा प्रसाद महतो ने धनबाद के गुरुद्वारा प्रबंधक की सराहना करते हुए कहा है कि धनबाद में लगातार अगलगी की दो घटनाएं दुःखद है। आगे इस तरह की पुनरावृत्ति नहीं हो इसके लोए जिला प्रशासन को कड़ी समीक्षा करने के आदेश दिए गए हैं, साथ ही इस तरह के अपार्टमेंटों में फ़ायर फाइटिंग की व्यवस्था हो इसके लिए भी दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि मृतक के आश्रितों को झारखंड सरकार केंद्र सरकार द्वारा घोषित किए गए राशि से बढ़कर 4 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा कर चुकी है।