झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

अदब की बात लिखना है

अदब की बात लिखना है
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जरूरत पर समय के सँग बदलना भी जरूरी है
गमों से लड़ के फुर्सत में चहकना भी जरूरी है
हवा, पानी, या बादल से हमें भी सीखना होगा
बरसना भी जरूरी है, गरजना भी जरूरी है

अमन को तोड़नेवाले अमन की बात करते हैं
दमन करते हमेशा पर नमन की बात करते हैं
खरीदी और बेची जा रहीं खबरें धड़ल्ले से
चमन को बेचनेवाले चमन की बात करते हैं

सभी तैयार लड़ने को भला तकरार कैसी है
अगर है साथ जीना तो फिर ये मार कैसी है
नहीं शतरंज के मोहरे बनें पर सोच कर देखो
जहाँ जनता सिसकती हो वहाँ सरकार कैसी है

सभी के साथ में जी कर वही जज्बात लिखना है
हमेशा दिन को दिन लिखना भला क्यूं रात लिखना है
सुमन सोचो कलम की आबरू कैसे बचाएं हम
अदब थाती है धरती की अदब की बात लिखना है

श्यामल सुमन