झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

आसमान भी धरती पर

आसमान भी धरती पर
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जीवन के सारे सवाल का, समाधान भी धरती पर
दूर भले पर देखो झुकता, आसमान भी धरती पर

ऋषि-मुनि, सच्चे संतों की, है सदियों से भीड़ जहाँ
लेकिन अब तो भरे पड़े हैं, बेईमान भी धरती पर

अमन चैन हम लाते अक्सर, बिगड़े जब हालात कहीं
मगर शांति कायम करने को, उलगुलान भी धरती पर

पूछ नहीं मेहनतकश की है, घुटती रहतीं प्रतिभाएं
लेकिन कुछ चमके हैं इसमें, भाग्यवान भी धरती पर

लोक-चेतना जगेगी निश्चित, पहले तू खुद जागो तो
जगे लोग ही सुमन करे है, आह्वान भी धरती पर

श्यामल सुमन