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आपदा में अवसर: सॉफ्टवेयर कंपनी के जरिए बेरोजगार शिक्षकों को मिला रोजगार, अमेरिका में बच्चों को दे रहे ऑनलाइन शिक्षा

लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लास से बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, अब लॉकडाउन में बेरोजगार हुए कई शिक्षकों को सॉफ्टवेयर कंपनी आईटी साइंस के सहयोग से अमेरिकी बच्चों को शिक्षा प्रदान किए जाने का अवसर प्रदान किया गया है. ऐसे में बेरोजगार हुए शिक्षक कोरोना आपदा को अब अवसर में तब्दील करने में जुट गए हैं.
सरायकेला: कोरोना आपदा का असर लंबे समय तक देखने को मिल रहा है. आर्थिक गतिविधियों पर विराम लगने के दूरगामी परिणाम अब तक ठीक नहीं हो सके हैं. कई सेक्टरों में लोगों की बड़ी संख्या में नौकरियां चली गईं, तो कई सेक्टर ऐसे हैं जो आज तक आपदा काल में उबर नहीं पाए. धीरे-धीरे जनजीवन भले ही सामान्य हो रहा है, लेकिन पूरी तरह सामान्य होने में कितना वक्त लगेगा इस पर कुछ कहा नहीं जा सकता. इस दौर में स्कूली बच्चों की शिक्षा भी काफी प्रभावित हुई.
लॉकडाउन में ऑनलाइन क्लास से बच्चों को शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है. वहीं, अब लॉकडाउन में बेरोजगार हुए कई शिक्षकों को सॉफ्टवेयर कंपनी आईटी साइंट के सहयोग से अमेरिकी बच्चों को शिक्षा प्रदान किए जाने का अवसर प्रदान किया गया है. ऐसे में बेरोजगार हुए शिक्षक कोरोना आपदा को अब अवसर में तब्दील करने में जुट गए हैं.
सॉफ्टवेयर कंपनी के जरिए कैलिफोर्निया के छात्रों को दी जा रही शिक्षा आईटी कंपनी आईटी साइंट ने लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन एजुकेशन सिस्टम डेवलपमेंट के तहत एक सॉफ्टवेयर और ऐप ‘पाठम’ का निर्माण किया, जिससे न सिर्फ भारतीय बच्चों बल्कि अमेरिका में बैठे बच्चों को भी ऑनलाइन सॉफ्टवेयर के जरिए से शिक्षा प्रदान की जा रही है. इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए कंपनी ने लॉकडाउन के बाद बेरोजगार हुए शिक्षकों की एक टीम बनाई, जो कैलिफोर्निया में बैठे बच्चों को इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रही है. फिलहाल यह शिक्षक अमेरिकन बच्चों को गणित और साइंस विषय पर ऑनलाइन क्लास दे रहे हैं,जिसके माध्यम से अमेरिकन और खासकर एनआरआई बच्चों की जिज्ञासा को पूर्ण किए जाने का काम किया जा रहा है.
आईटी साइंट कंपनी ने अमेरिकन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरुआती दौर में फिलहाल पांच शिक्षकों की एक टीम बनाई है, जो प्रतिदिन भारतीय समय के अनुसार सुबह 5:00 से 8:00 तक अमेरिका के कैलिफोर्निया में बैठे बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेते हैं. उस वक्त कैलिफोर्निया में शाम के 5:00 बज रहे होते हैं. आईटी कंपनी के इस प्रयास से शुरुआती दौर में ही शिक्षकों को अमेरिकन छात्रों से बेहतर रिस्पांस मिल रहा है, जबकि यह शिक्षक भी अमेरिकन बच्चों की जिज्ञासा को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं
ऑनलाइन अमेरिकी बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रहे शिक्षक ललित कुमार ने बताया कि अमेरिकन बच्चों के साथ ऑनलाइन सेशन में काफी अलग अनुभव प्राप्त हो रहा है. इन्होंने बताया कि अमेरिका के बच्चे लग्न और जिज्ञासा के साथ ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. इसके पीछे एक कारण यह भी है कि अमेरिका में ऑनलाइन शिक्षा काफी प्रचलित है, जबकि इसके ठीक विपरीत भारत में फिलहाल कोरोना काल में ही बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से जुड़े हैं.
अमेरिका में बैठे बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे शिक्षकों का मानना है कि अमेरिकी बच्चों में लगन और ललक भरपूर है, लेकिन गणित जैसे कठिन विषय में भारतीय बच्चे अमेरिकन बच्चों के मुकाबले बेहतर सूझ- बूझ है. शिक्षकों का मानना है कि इसके लिए शुरुआती शिक्षा प्रणाली भारत में अलग और बेहतर है. वहीं, अमेरिका जैसे विकसित देश में अलग शिक्षा प्रणाली है, जिसका अलग महत्व है. फिलहाल भारतीय शिक्षा प्रणाली के तहत अमेरिकी बच्चों को शिक्षा प्रदान करना इन शिक्षकों के लिए एक नया अनुभव प्रदान कर रहा है.
अमेरिका में बच्चों पर कम है पढ़ाई का बोझ, एक्टिविटी बेस्ड है एजुकेशन आईटी साइंट के माध्यम से कैलिफोर्निया के बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही शिक्षिका रेणुका महिदर बताती हैं कि भारतीय शिक्षा प्रणाली से अमेरिकन बच्चों को पढ़ाना इनके लिए एक अलग ही अनुभव प्रदान करने वाला मौका है. यह बताती हैं कि अमेरिका में बच्चों पर पढ़ाई का अतिरिक्त बोझ नहीं दिया जाता, जबकि एजुकेशन सिस्टम में एक्टिविटी को प्रमुखता से शामिल किया जाता है. इसके अलावा अमेरिका में बच्चों को रट्टा मारने के बजाय विषय को प्रैक्टिकल तौर पर समझाने का प्रयास किया जाता है, जिससे बच्चे खेल-खेल में ही काफी कुछ सीखते हैं. अमेरिकन बच्चों से रूबरू होकर भारतीय शिक्षक भी कर रहे ज्ञान अर्जित
कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन में बेरोजगार हुए शिक्षकों को आईटी साइंट सॉफ्टवेयर कंपनी के माध्यम से जो प्लेटफार्म प्रदान किया गया है, इससे शिक्षक काफी लाभान्वित हो रहे हैं. हाल ही में ऑनलाइन क्लास से जुड़ी शिक्षिका वर्षा दास ने बताया कि कोरोना के कारण बेरोजगार होने के बाद इन्हें एक नया अवसर यहां प्रदान हुआ है. वहीं, विगत कई दिनों से बेरोजगार होने के कारण छात्र और क्लास रूम से दूर होने के बाद अब इन शिक्षकों को बेहतर अवसर मिल रहे हैं, जिससे ये ना सिर्फ अमेरिकन बच्चों को पढ़ा रहे हैं बल्कि इस ऑनलाइन सेशन के माध्यम से अमेरिकन एजुकेशन सिस्टम से इन्हें भी काफी कुछ नया सीखने का अवसर प्राप्त हो रहा है.