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आनंद मार्ग पृथ्वी की गर्मी को कम करने के लिए पृथ्वी बचाओ सप्ताह मनाकर 300 निशुल्क पौधों का वितरण किया

नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा

जमशेदपुर – सोनारी कबीर मंदिर के पास एवं गदरा आनंद मार्ग जागृति में शहर के विभिन्न संगठनों एवं देहात क्षेत्र के ग्रामीणों के बीच पृथ्वी की गर्मी को कम करने के लिए पृथ्वी बचाओ सप्ताह मनाकर 300 पौधों का वितरण किया गया
सोनारी कबीर मंदिर के पास एवं गदरा आनंद मार्ग जागृति में प्रत्येक दिन सुबह 6बजे से 8 बजे तक बांटे गए पौधे भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र सिंह भी इस पौधा वितरण कार्यक्रम में पौधा रोपण करने वाले लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम में पहुंचे
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (पीसीएपी)जमशेदपुर की ओर से पिछले पन्द्रह वर्षों से आज तक लगभग 1लाख 50 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है
आनंद मार्ग का कहना है कि जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ,नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए , मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए हर तरह के पौधे आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (पीसीएपी)जमशेदपुर की ओर से”एक पेड़ कई जिंदगी” अभियान के तहत सात दिवसीय निशुल्क पौधा वितरण का शुभारंभ 2 अगस्त से से 8 अगस्त तक चला

आनंद मार्ग का कहना है कि अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ,नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए , मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है