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आनंद मार्ग ने पोटका में ग्रामीणों के बीच बांटे 25 साड़ी एवं 100 त्रिफला पौधे का वितरण किया

आनंद मार्ग ने पोटका में ग्रामीणों के बीच बांटे 25 साड़ी एवं 100 त्रिफला पौधे का वितरण किया

नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं

आनंद मार्ग पृथ्वी की गर्मी को कम करने के लिए पृथ्वी बचाओ अभियान के तहत 100 त्रिफला पौधों का वितरण किया पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा

जमशेदपुर : आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से पोटका ब्लॉक के गीतीलता पंचायत के खापुड़साईं के ग्रामीणों के बीच पृथ्वी बचाओ अभियान के तहत 100 से भी ज्यादा औषधीय पौधा त्रिफला फलदार पौधों अमरूद,नींबू ,कटहल एवं अनार का वितरण किया गया। साथ ही साथ ग्रामीणों को पर्यावरण बचाने का शपथ भी कराया गया । ग्रामीणों के बीच 25 साड़ी का वितरण भी किया गया।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 50 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है।
आनंद मार्ग के सुनील आंनद का कहना है कि फलदार पेड़ों का रोपण करने से पर्यावरण को तो लाभ पहुंचता ही है साथ ही साथ समाज से गरीबी भी कम होती है इससे धन का उपार्जन किया जा सकता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे का रोपण करना जरूरी है। जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ।इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है । नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं । हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए हर तरह के पौधे।
आनंद मार्ग का कहना है कि अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा । जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य के जीवन का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।
इस कार्यक्रम को सफल बनाने में योगेश देव, जय नारायण देव,अमित देव, बलराम सरदार एवं सुनील आनंद का सराहनीय सहयोग रहा है