आनंद मार्ग एवं युवक मिलन समिति चालियामा के द्वारा 120 लोगों के आंखों का जांच एवं 280 पौधे का वितरण आनंद मार्ग की ओर से 31 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रत्येक दीन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक धार्मिक स्थलों में रोपण के लिए बांटे जा रहे दुर्लभ प्रजाति के पौधे
जमशेदपुर – आनंद मार्ग एवं युवक मिलन समिति , चालियामा डॉक्टर लोकेश मंडल (हाता -चाईबासा रोड के पास )के प्रयास से चालियामा में एक नेत्र जांच शिविर का आयोजन पूर्णिमा नेत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया था जिसमें लगभग 120 लोगों का आंखों का जांच हुआ एवं 35 मोतियाबिंद एवं पीटीआर के रोगी चिन्हित हुए जिनका पूर्णिमा नेत्रालय में 14 फरवरी को निशुल्क ऑपरेशन कर लैंस प्रत्यारोपण किया जाएगा
चालियामा के आसपास के गांव के ग्रामीणों के बीच दुर्लभ प्रजाति के 30 सीता अशोक एवं त्रिफला (हरे , आंवला एवं बहेरा )के पौधे एवं 250 फलदार पौधे मिलाकर कुल 280 पौधे का वितरण किया गया जैसे कटहल, आम, काजू ,जामुन तथा अन्य तरह के पौधे भी निशुल्क वितरण किया गया। साथ ही साथ ग्रामीणों को पर्यावरण बचाने का शपथ भी दिलाया गया ।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (पीसीएपी )जमशेदपुर की ओर से पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 50 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है।आनंद मार्ग के सुनील आंनद का कहना है कि फलदार पौधे का रोपण करने से पर्यावरण को तो लाभ पहुंचता ही है साथ ही साथ समाज से गरीबी भी कम होती है ,इससे धन का उपार्जन किया जा सकता है , इसलिए ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे का रोपण करना जरूरी है। जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है । नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं । हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।
पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए हर तरह के पौधे।
आनंद मार्ग का कहना है कि अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा । जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ।नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।
आनंद मार्ग की ओर से 31 जनवरी से 27 फरवरी तक प्रत्येक दीन सुबह 6 बजे से 8 बजे तक धार्मिक स्थलों में रोपण के लिए बांटे जा रहे दुर्लभ प्रजाति के पौधे, सोनारी कबीर मंदिर के पास।
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आनंद मार्ग के प्रयास से 5 मोतियाबिंद रोगियों का निशुल्क लैंस प्रत्यारोपण एवं 50 पौधे का वितरण