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आजसू नेता हरे लाल महतो के खदान से आखिरकार गाड़ियां क्यों जब्त नहीं की गई

आजसू नेता हरे लाल महतो के खदान से आखिरकार गाड़ियां क्यों जब्त नहीं की गई
सरायकेला खरसावां : आखिरकार आजसू नेता हरे लाल महतो के बंद खदान से खनन विभाग की टीम ने गाड़ियां क्यों नहीं जब्त की ? इसका जवाब वहां छापेमारी करने पहुंचे सरायकेला के खनन पदाधिकारी (डीएमओ) ज्योति शंकर सतपति भी नहीं दे पा रहे हैं. दरअसल, शुक्रवार को खनन पदाधिकारी विभागीय उपलब्धियों को लेकर पत्रकारों से बात कर रहे थे. तभी जिले के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत भादुडीह पंचायत के धातकीडीह बाबुनडीह सीमा पर स्थित आजसू नेता हरे लाल महतो के खादान पर छापेमारी की बात उठी. इस संबंध में जिला खनन पदाधिकारी ने यह तो जरूर कहा कि अवैध खनन के मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी, लेकिन जब बात उठी कि बीते 5 अप्रैल की शाम हुई छापेमारी के दौरान वहां मौजूद गाड़ियों को जब्त क्यों नहीं किया गया तो जिला खनन पदाधिकारी अवाक से रह गये और चुप्पी साधते हुए कैमरा बंद करने का इशारा करने लगे जबिक खनन विभाग द्वारा ही जारी फोटो में साफ देखा जा रहा है कि खनन पदाधिकारी और चांडिल एसडीओ के पीछे तीन-चार पोकलेन, वैगन ड्रिल मशीन, हाईवा -डंपर,कंप्रेशर और ब्लास्टिंग मेटेरियल है. फिर भी उसकी जब्ती नहीं होने और फिर 6 अप्रैल की सुबह छापेमारी टीम के पहुंचते ही सारे सामानों का गायब हो जाना अपने आप में काफी कुछ कहता है. यहां तक कि जो स्थितियां उत्पन्न की गई, उससे अवैध खनन करने वाले की विभागीय मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता है. इसी को लेकर डीएमओ ज्योति शंकर सतपति से सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साधते हुए तत्काल कैमरा बंद करने का इशारा किया. इससे संवाददाता
भी अवाक रह गये और और आखिरकार उन्हें कैमरा बंद करना पड़ा. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिरकार कौन दे रहा है मेसर्स हरे लाल कंस्ट्रक्शन को इस अवैध धंधे के संचालन के लिये संरक्षण ?
दरअसल बीते 5 अप्रैल को मेसर्स हरे लाल कंस्ट्रक्शन के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र अंतर्गत भादुडीह पंचायत के धातकीडीह बाबुनडीह सीमा पर बंद पड़े खादान में विभागीय टीम ने छापेमारी की थी. इस टीम में मुख्य रूप से जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपति और चांडिल एसडीओ शुभ्रा रानी शामिल रही. बावजूद इसके हैरत की बात यह रही कि
इस मौके पर मौजूद वाहनों और अन्य सामग्रियों की जब्ती तक नहीं की गई. फिर उसके दूसरे दिन 6 अप्रैल को यह टीम दोबारा पहुंची तो सारा कुछ गायब पाया गया. बाद में इस मामले में जिला खनन पदाधिकारी ज्योति शंकर सतपति ने मेसर्स हरे लाल कंस्ट्रक्शन के निदेशक मंडल में शामिल हरे लाल महतो की पत्नी रीना महतो, भाई रुद्र प्रताप महतो और लाल मोहन महतो के खिलाफ सरायकेला सीजेएम कोर्ट में शिकायतवाद जरूर दर्ज कराया है. इसके बावजूद इस पूरे प्रकरण में सवाल येही उठ रहा है कि पहले दिन छापेमारी टीम ने खदान से वाहनों और खनन संबंधित अन्य सामानों को जब्त क्यों नहीं की ?