झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

आईना जब तुझे चिढ़ाने लगे

आईना जब तुझे चिढ़ाने लगे
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तेरे हर गम को बेअसर कर दूँ
अपने जज्बात की खबर कर दूँ
नहीं मुमकिन है अब जुदा होना
अपनी नजरें तुझे नजर कर दूँ

नहीं हिम्मत तुझे मैं खो सकता
किसी दूजे का नहीं हो सकता
तेरी बंदिश, मेरी इबादत है
नहीं हँसता नहीं मैं रो सकता

मुझको तेरी बहुत जरूरत है
बन्द आँखों में तेरी सूरत है
खुली पलकों से तुझे देखूँ तो
मेरी खातिर वो शुभ मुहुरत है

तुझे पाने को हर जतन होगा
जहाँ तुम होगी मेरा मन होगा
आईना जब तुझे चिढ़ाने लगे
तेरे पीछे खड़ा सुमन होगा

श्यामल सुमन