झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

चुप रहना मरने समान है

चुप रहना मरने समान है
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खामोशी क्या समाधान है
रोता शिशु जब परेशान है

रोजी, रोटी और चिकित्सा
सबको मिलने का विधान है

मिल के चल आवाज उठाते
यही ज्ञान का असल मान है

सुनते नहीं, सुनाना पड़ता
क्या राजा की यही शान है

बनता देश सदा जनता से
पर शासक का कहाँ ध्यान है

डरना है किस बात से प्यारे
अभी देश में संविधान है

मुँह खोलो हक सुमन मिलेगा
चुप रहना मरने समान है

श्यामल सुमन