पटना। बिहार पुलिस के ऐसे कर्मी जो 50 साल से ज्यादा उम्र के हो गए हैं उनके काम की समीक्षा की जाएगी. विभाग इस बात की समीक्षा करेगा कि 50 साल की उम्र पार कर चुके बिहार पुलिसकर्मी अपने काम में दक्ष हैं या वे असक्षम हो गए हैं. असक्षम पाए जाने पर नौकरी पर खतरा भी हो सकता है. या यू कहें कि 50 साल की उम्र पार चुके पुलिसकर्मी बिहार सरकार की नजर में आप बेकार हे गए है. सरकार द्वारा अब आपकी छंटनी जल्द ही होने वाली है. सरकार के इस आदेश के बाद बिहार पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है. सरकार के इस आदेश का बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने विरोध किया है. एसोसिएशन ने सरकार से इस पर रोक लगाने की मांग की है.
दक्षता रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सेवा में बनाए रखने पर होगा विचार
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में पुलिस मुख्यालय को आदेश दिया था. पुलिस मुख्यालय ने सभी जिले के एसपी और रेल एसपी को पत्र भेजा है. एसपी और रेल एसपी से कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र के ऐसे पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट दें जो 50 साल से ज्यादा उम्र के हो गए हैं. शुक्रवार को सभी जिले से मिले रिपोर्ट पर पुलिस मुख्यालय में समीक्षा होगी. इसके बाद हर महीने की 9वीं तारीख को इस संबंध में पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक होगी. दक्षता रिपोर्ट में यह देखा जाएगा कि ज्यादा उम्र होने के चलते पुलिसकर्मी शारीरिक रूप से दक्ष हैं या नहीं. पुलिसकर्मी के खिलाफ पहले से कोई शिकायत है या नहीं. दक्षता रिपोर्ट की समीक्षा के बाद संबंधित पुलिसकर्मी के सेवा में बनाए रखने पर विचार होगा.
तुगलकी फरमान है सरकार का यह आदेश : मृत्युंजय
पुलिस मेंस एसोसिएशन ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है. एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस विभाग में सरकार के आदेश के तहत पत्र जारी कर के 50 साल से अधिक उम्र के अनुभवी पुलिसकर्मियों को अयोग घोषित करके सेवा से हटाने का साज़िश हो रही है. इस तरह का आदेश तुगलकी आदेश की तरह है. वरीय अधिकारी इस तरह के आदेश का नाजायज इस्तेमाल करेंगे. जब दिल करेगा या उनके जरूरत की पूर्ति नहीं हो पाएगा तो वैसे स्थिति में अयोग्य साबित करके सेवा से हटा देंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह के आदेश से किसी भी वरीय के अधीन काम कर रहे कर्मी का आर्थिक व मानसिक शोषण होगा. सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के आलोक में समादेष्टा स्तर से इस तरह 50 साल से ज्यादा उम्र के कर्मियों को छंटनी की प्रक्रिया प्रारंभ की गई है, जो एसोसिएशन कदापि स्वीकार्य नहीं होगा.
सभी स्तर के पुलिस कर्मियों में काफी आक्रोश व भय
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि काफी लंबी अवधि तक अपनी सेवा योग्यता, कर्मठता, अनुभव से कुशलता पूर्वक निर्वहन के उपरांत पदोन्नति का अवसर इस उम्र में प्राप्त होता है. इस तरह के करवाई से सभी स्तर के कर्मियों में काफी आक्रोश व भय का वातावरण व्याप्त हो चुका है. इस उम्र में कर्मियों की काफी परिवारिक जवाबदेही बढ़ जाती है. बच्चों की शादी, उच्च शिक्षा के साथ बहुत सारी परिवारिक जिम्मेवारी रहती है. यदि इस तरह कर्मचारियों के साथ अन्याय होगा तो वे मानसिक पीड़ा से विचलित होकर आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. राज्य सरकार एवं पुलिस मुख्यालय से आगाह पूर्वक मांग करता हूं कि पुलिस विभाग में इस तरह की कार्रवाई पर अविलंब अंकुश लगाया जाए. वरना इसका हर स्तर पर विरोध प्रतिकार करने का दबाव मांग बिहार में उठ रहा है. इस तरह का आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए. इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. बिहार के लगभग सारे कर्मचारी इस आदेश से चिंतित के साथ आक्रोशित है.
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