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मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा की

ईडी ने मेसर्स कौशल्या इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (केआईडीसीएल) से संबंधित पीएमएलए के तहत 1.08 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति कुर्क की। ईडी ने सीबीआई रांची द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें 1.08 करोड़ रुपये के सरकारी धन के गबन का आरोप लगाया गया था।

*मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा की*

रांची: मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में झारखण्ड अग्रणी राज्य बन गया है। अब दूध और अंडा उत्पादन में भी झारखण्ड को अग्रणी बनाना है। इसके लिए टारगेट तय करना होगा जिससे दूध उत्पादन में राज्य आत्मनिर्भर बन सके। साथ ही पशुपालन के क्षेत्र पर भी ध्यान देने की जरूरत है। क्षेत्र की भौगोलिक रचना और वहां के लोगों की रुचि के अनुरूप पशुपालन को बढ़ावा देना है। विभाग अपनी कार्ययोजना में इन बातों का समावेश कर कार्य करे। यह बातें मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कही। मुख्यमंत्री कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से आच्छादित करने के लिए प्रखंड स्तर पर विशेष अभियान चलाएं। पन्द्रह जुलाई तक किसानों से आवेदन प्राप्त करना सुनिश्चित होना चाहिए। शिविर लगाकर आवेदन लेने की प्रक्रिया पूरी करें। अगर बैंक से सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा हो तो बैंक से विभाग स्पष्टीकरण मांगे। राज्य के सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का लक्ष्य लेकर सरकार कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री ने मत्स्य प्रभाग को निर्देश दिया कि बंद हो चुके खुले खनन परिसर में मत्स्य पालन को बढ़ावा दें। इससे लोगों की आर्थिक क्षमता में वृद्धि होगी। विभिन्न जलाशयों में केज कल्चर के माध्यम से हो रहे मत्स्य पालन में किसी तरह की लापरवाही विभाग नहीं बरते। किसी भी केज में मछली या मछली बीज की कमी नहीं होनी चाहिए। जब तक केज में अधिक संख्या में मत्स्य पालन नहीं होगा, तब तक इससे जुड़े लोगों को अधिक मुनाफा नहीं होगा। विभाग इस ओर ध्यान दे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग हेचरी, बकरीपालन, मुर्गी पालन का मॉडल लेकर आएं। राज्य में देश के प्रगतिशील किसानों को प्रोत्साहित करें ताकि यहां के किसान भी इस दिशा में बेहतर करने की ओर अग्रसर हो सकें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विभाग में रिक्त पदों को भरने का कार्य करना है। मानव संसाधन की कमी से जिला स्तर में लाभुकों को लाभान्वित करने में परेशानी हो रही है। जब तक रिक्त पदों को नहीं भरा जाता तब तक अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य लें। जिला स्तर पर वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग में कार्यरत कर्मियों से कार्य लेने की दिशा में पहल करें।
विभाग के कार्यों की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि कृषक पाठशाला योजना को गति दें। क्लस्टर के रूप में इसको विकसित करना है। कृषक पाठशाला किसानों को प्रशिक्षण देकर उनके क्षमता विकास का वाहक बनेगा। योजना को लागू करने की दिशा में विभाग तेजी से कार्य करे।
बैठक में मंत्री बादल पत्रलेख, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग अब्बू बकर सिद्दीकी, निदेशक सहकारिता मृत्युंजय बर्णवाल, निदेशक कृषि निशा उरांव, निदेशक मत्स्य प्रभाग एच एन द्विवेदी और अन्य लोग उपस्थित थे।