झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

30 अक्टूबर से पहले बदल लें अपनी गाडी का नंबर प्लेट , नही तो कटेगा चालान

गाड़ियों में लगने वाले नंबर प्लेट के नियमों में बदलाव होने जा रहा है । सरकार ने सुरक्षा को लेकर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) वाहनों में लगवाना अनिवार्य कर दिया है। वैसे दिल्ली में एक अप्रैल 2019 से पहले के सभी वाहनों के लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट (HSRP) और कलर कोड वाले स्टिकर लगाना जरूरी कर दिया गया है।

हाई सिक्योरिटी नंबर बिना फिटनेस प्रमाणपत्र के नहीं मिलेगा

आपको बात दें कि 30 अक्टूबर से पहले इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए वाहनों की फिटनेस, परमिट या फिर वाहन के संबंध में अन्य कोई काम बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नहीं होगा। यानी हाई सिक्योरिटी नंबर बिना फिटनेस प्रमाणपत्र नहीं मिलेगा, न ही वाहन संबंधी कोई कार्य हो सकेगा। बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों के आरटीओ में होने वाले 13 कामों पर रोक लगा दी है।

सिक्योरिटी नंबर प्लेट का होना अनिवार्य

उत्तर प्रदेश सरकार HSRP को लेकर और सख्त है। परिवहन कार्यालय में बिना सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले वाहनों से संबंधित कोई कार्य 19 अक्टूबर से नहीं होंगे। बगैर सिक्योरिटी नंबर प्लेट वाले कामर्शियल वाहनों से जुड़े कार्यालय 15 अक्टूबर से ही बंद कर दिए गए हैं। सरकार ने वाहनों से जुड़े कागजातों के कार्य कराने के लिए सिक्योरिटी नंबर प्लेट का होना अनिवार्य कर दिया है।

पुलिस और परिवहन विभाग इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करेगा

परिवहन विभाग ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के बगैर किसी भी वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने का काम 15 अक्टूबर से ही बंद कर दिया है। पुलिस और परिवहन विभाग इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करेगा। 19 अक्टूबर के बाद हाई सिक्योरिटी प्लेट नहीं लगाने वाले वाहनों के चालान भी किए जाएंगे।

ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवाने के लिए आप डीलर से संपर्क कर सकते हैं या फिर ऑनलाइन भी आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन अप्लाई करने के लिए bookmyhsrp.com/index.aspx पर विजिट करें, जहां पर आपको प्राइवेट वाहन और कमर्शियल वाहन के दो ऑप्शन दिखाई देंगे। प्राइवेट व्हीकल टैब पर ने पर पेट्रोल, डीजल, इलेक्ट्रिक, CNG और CNG+ पेट्रोल का ऑप्शन चुनना होगा।

हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट की खाासियत

परिवहन विभाग की मानें तो यह व्यवस्था लागू होने पर वाहन को ट्रेस करने में आसानी होगी। प्लेट पर एक बार कोड और होलोग्राम होगा। पुलिसकर्मियों और परिवहन कर्मचारियों के मोबाइल में एक सॉफ्टवेयर होगा। जांच के दौरान मोबाइल से प्लेट का फोटो लेने पर बाइक की पूरी जानकारी सामने आ जाएगी।