जमशेदपुर- आज सोनारी में कुछ अखाड़ा समितियों की आवश्यक बैठक हुई जिसमें चिंता व्यक्त किया गया कि जमशेदपुर शहर में रामनवमी अखाड़ा समिति का स्वतः अध्यक्ष एवं पदाधिकारी बनने का दौर चल गया है। इनमें से कुछ लोगों का अखाड़ा समिति से दूर-दूर तक संबंध नहीं है। वैसे लोग भी अखाड़ा समिति के अध्यक्ष और संरक्षक बन गए हैं। इनमें से कुछ लोगों का मकसद सिर्फ सरकारी पदाधिकारियों के आगे पीछे घुमने का कार्य हो गया है। बैठक में लाइसेंसी मुकुल मिश्रा ने कहा कि ऐसे ही लोगों के चलते पिछली बार हिंदुओं के महान पर्व रामनवमी के झंडा विसर्जन के दिन अव्यवस्था पैदा किया गया। दिन के बैठक में कुछ लोगों ने कुछ तय किया और रात में कुछ और समझौता किया गया। जो समझौता रात में हुआ अगर दो-चार दिन पहले सही ढंग से प्रशासन के पास रखा जाता तो शायद रामनवमी अखाड़ा में विसर्जन जुलूस में व्यवधान उत्पन्न नहीं हुआ रहता और शांतिपूर्वक रामनवमी का विसर्जन जुलूस निकल गया रहता एक बार फिर से धार्मिक आयोजनों में राजनीतिक दल के नेताओं द्वारा हस्तक्षेप कर अपनी राजनीति चमकाने का प्रयास हो रहा है और इन लोगों में कभी भी वर्चस्व का लड़ाई हो सकता है। ऐसी स्थिति में भुक्तभोगी रामनवमी अखाड़ा के लाइसेंसधारी ही होंगे। प्रशासन को चाहिए कि समय रहते इन पर अंकुश लगायें और इन्हें मान्यता नहीं दें। साथ ही प्रशासन से आग्रह है कि सीधे अखाड़ा समिति के लाईसेंसियों से संपर्क किया जाय न की बिचौलियों से
जमशेदपुर शहर में केन्द्रीय शांति समिति है और हर क्षेत्र में प्रशासन के द्वारा शांति समिति का गठन किया गया है। और सभी थाना क्षेत्र के शांति समिति के सदस्यगण सक्षम हैं कि अपने क्षेत्र के विधि व्यवस्था से संबंधित मामले में थाना को सहयोग करने और अपने क्षेत्र के लोगों के बीच सौहार्द बनाए रखने में सहयोग कर सकें।
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