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विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान – 2022 शिवशंकर श्रीनिवास भारतीय कालगणना पुरातन और प्राचीन : कर्मवीर

विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान – 2022 शिवशंकर श्रीनिवास भारतीय कालगणना पुरातन और प्राचीन : कर्मवीर

रांची : मिथिला समाज के विश्वम्भर फ़ॉन्डेशन राँची द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में आकर मैं गर्व की अनुभूति कर रहा हूं। नववर्ष की परंपरा सृष्टि के प्रथम चरण से रही है। हमारे पंचांग की परंपरा प्राचीन है। भारतीय पंचांग दुनिया का सबसे पुरातन पंचांग है। आज का यह कार्यक्रम जिस महापुरुष के नाम पर आयोजित है उन्हें कोटि – कोटि अभिनंदन उक्त बातें अशोक नगर के चिंतन सभागार में विश्वंभर फाउंडेशन द्वारा आयोजित पंचांग कैलेंडर विमोचन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री संगठन कर्मवीर सिंह ने कही
इस मौके पर विश्वंभर फॉउंडेशन द्वारा दी जाने वाली ‘विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान – 2022 की भी घोषणा की गयी। स्व. विश्वम्भर झा की पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम में ज्यूरी के संयोजक प्रमोद कुमार झा ने विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान – 2022 की घोषणा करते हुए कहा कि इस वर्ष का सम्मान मैथिली के मूर्धन्य रचनाकार शिवशंकर श्रीनिवास को दिया गया है। इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी झारखण्ड प्रदेश के संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह, रांची के विधायक सी पी सिंह, गुमला जिला प्रभारी सत्यनारायण सिंह, भरतीय जनतांत्रिक मोर्चा के धर्मेंद्र तिवारी, रांची नगर निगम वार्ड 26 के पार्षद अरुण कुमार झा, समाज सेवी रमेश सिंह, दूरदर्शन के सेवा निवृत निदेशक प्रमोद कुमार झा, लहरि त्रैमासिक पत्रिका के संपादक प्रोफेसर नरेंद्र झा, समाजसेवी विवेकानंद झा मुन्नू जी एवं अमरनाथ झा के साथ फॉउंडेशन के सचिव नवीन कुमार झा, राजेश झा सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुभारंभ सर्वप्रथम भारत माता, माँ जानकी एवं स्व. विश्वम्भर झा चित्र पर पुष्पांजलि एवं गायक कलाकार अश्वनी आनंद के गाये गोसाउनिक गीत जय जय भैरवी असुर भयावनी से हुई। संगठन महामंत्री कर्मवीर सिंह हिंदू नव वर्ष एवं हिन्दू संस्कृति पर प्रकाश डालते हुए विश्वम्भर फॉउंडेशन को झारखण्ड में नई परंपरा का प्रारम्भ पर सराहना की। प्रमोद कुमार झा के द्वारा विश्वम्भर मैथिली साहित्य सम्मान – 2022 किया गया। अमर नाथ झा ने विश्वम्भर फॉउंडेशन के क्रिया कलाप पर प्रकाश डाला। मिथिला से आये चिर परिचित कलाकार रामसेवक ठाकुर ने चैता, सोहर एवं माँ जानकी के गीत गाकर श्री ठाकुर ने श्रोताओं की जबरदस्त वाह वाही लूटी। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में राजेश झा,प्रेमचन्द्र झा ,बिनोदानन्द झा बुबुजी , किशोर झा, प्रदीप कुमार चौधरी,उपेन्द्रझा आनंद कुमार झा नन्दू जी , शुभांकर राय, सुबोध कुमार, आनंद सिंह, इंद्रजीत यादव, कुंदन सिंह, पवन चौधरी के साथ अनेकों लोगों का सराहनीय योगदान रहा है