झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

उपायुक्त ने यूपीएससी में चयनित मनीष भारद्वाज, पर्वतारोही अस्मिता दोरजी, खेल प्रशिक्षक हसन इमाम मलिक व बोर्ड परीक्षा में सफल सबर बच्ची दामिनी को किया सम्मानित

उपायुक्त ने यूपीएससी में चयनित मनीष भारद्वाज, पर्वतारोही अस्मिता दोरजी, खेल प्रशिक्षक हसन इमाम मलिक व बोर्ड परीक्षा में सफल सबर बच्ची दामिनी को किया सम्मानित

उपायुक्त विजया जाधव ने विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने वाले चार व्यक्तियों को सम्मानित किया तथा उनके असाधारण उपलब्धि की भूरी भूरी प्रशंसा की। इस मौके पर उन्होने सभी को पर्यावरण दिवस की शुभकामनायें देते हुए भेंट स्वरूप पौधा दिया तथा अंगवस्त्र औढ़ाकर सम्मानित भी किया। यूपीएससी में 114वीं रैक लाने वाले जमशेदपुर के बारीडीह निवासी मनीष भारद्वाज, जो वर्तमान में बिहार के बेगुसराय में एलआरडीसी के पद पर कार्यरत हैं उन्हें सम्मानित करते हुए कहा कि निश्चित ही आपकी यह उपलब्धि जिले और शहरवासियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं । श्री भारद्वाज ने जमशेदपुर से ही दसवीं और बारहवीं की शिक्षा पूरी करने के बाद बेंगलुरू से इंजीनियरिंग किया । पूर्व में भारतीय रेल में भी कॉमर्शियल इंस्पेक्टर के पद पर अपनी सेवायें दे चुके हैं । वर्ष 2019 में बिहार लोक सेवा आयोग में चयनित होने के बाद बेगुसराय में कार्यरत हैं ।

23 मई 2023 को माऊंट एवरेस्ट फतह करने वाली पर्वतारोही अस्मिता दोरजी वर्तमान में टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन (TSAF) में सीनियर इंस्ट्रक्टर के पद पर हैं। अस्मिता का जन्म नेपाल के एवरेस्ट क्षेत्र में स्थित थेसू गांव में एक शेरपा परिवार में हुआ। उनके पिता, एक शेरपा पर्वतारोही, ने 1984 में बछेंद्री पाल के साथ माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की थी जिनके नक्शे कदम पर चलते हुए बेटी ने भी कीर्तिमान रचने का काम किया
डॉ. हसन इमाम मल्लिक वर्तमान में असिस्टेंट मैनेजर हेल्थ एंड वेलनेस, टाटा स्टील में कार्यरत हैं। खेल के क्षेत्र में इनकी उपलब्धि उल्लेखनीय है । श्री हसन हैंडबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया के तकनीकी समिति के सदस्य हैं तथा झारखंड पुरुष हैंडबॉल टीम के मुख्य कोच भी हैं । जुलाई 2022 में बहरीन में आयोजित 17वीं एशियाई पुरुष जूनियर हैंडबॉल चैंपियनशिप में मुख्य कोच की भूमिका निभाई । प्रबंधक सह कोच रजत पदक विजेता पुरुषों की हैंडबॉल टीम, ताशकंद उज्बेकिस्तान 2018।

चाकुलिया की रहने वाली दामिनी सबर ने विषम परिस्थितियों में जिस जीवटता के साथ अपनी पढ़ाई जारी रखी वो काबिले तारीफ हैं । दामिनी में दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 67 फीसदी अंक हासिल कर सबर जनजाति के बच्चों को पढ़ने की नई दिशा दी है। उपायुक्त ने दामिनी की उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि सबर बच्चों के रोल मॉडल बन गई है। पूरे जिला प्रशासन को दामिनी की इस उपलब्धि पर गर्व है ।
इस अवसर पर उपायुक्त ने कहा कि आगामी 10 जून को इन सभी प्रतिभाओं से जिले के बच्चे मुखातिब होंगे। जहां वे इनके जीवन संघर्ष, उपलब्धि तथा कैरियर को कैसे सही दिशा दिया जाए इस पर कैरियर काउंसिलिंग सेशन रविन्द्र भवन में आयोजित किया जाएगा।
*==============================*