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तीर कमान थामने चले बीजेपी के जेपी बाबूलाल-अन्नपूर्णा की उपेक्षा से हुए नाराज कोडरमा में ठोकेंगे ताल

तीर कमान थामने चले बीजेपी के जेपी बाबूलाल-अन्नपूर्णा की उपेक्षा से हुए नाराज कोडरमा में ठोकेंगे ताल

बीजेपी के पूर्व विधायक जे पी वर्मा का जेएमएम में जाना तय हुआ है. इसके पीछे उन्होंने बीजेपी पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. साथ ही वह बाबूलाल मरांडी और अन्नपूर्णा देवी से नाराज भी हैं
गिरिडीहः बीजेपी नेता बाबूलाल मरांडी के गृह जिला में जेएमएम ने बीजेपी को तगड़ी चोट देने की तैयारी कर ली है. पार्टी से नाराज चल रहे भाजपा के पूर्व विधायक प्रो. जे पी वर्मा को जेएमएम ने मोह लिया है. अब जय प्रकाश जल्द ही केसरिया से हरा चोला ओढ़ लेंगें
जनसंघ काल के दिग्गज नेता स्व. जगदीश प्रसाद कुशवाह के पुत्र सह कोडरमा सीट पर छह बार सांसद रहे स्व. रीतलाल प्रसाद वर्मा के भतीजा गांडेय के पूर्व विधायक प्रो. जय प्रकाश वर्मा का भाजपा से मोहभंग हो गया है. प्रो. जे पी वर्मा अब झारखंड मुक्ति मोर्चा का दामन थामने की तैयारी कर चुके हैं
झारखण्ड वाणी संवाददाता से खास बातचीत में प्रो. जे पी वर्मा ने बताया कि उनका परिवार जनसंघ काल से ही भाजपा से जुड़ा रहा और छोटानागपुर के इलाके में पार्टी को मजबूती प्रदान की. उनके चाचा छह बार सांसद रहे और एक बार विधायक भी रहे. इतना सब होने के बाद भी उनके परिवार को पार्टी ने सम्मान नहीं दिया इस वजह से वह एक बार पहले दूसरी पार्टी में शामिल हो गए थे. बाद में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और सांसद डॉ. रविंद्र राय के कहने पर उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली थी और पार्टी ने उन्हें गांडेय विधानसभा से उम्मीदवार बनाया. 2015 में वह विधायक चुने गए और उन्होंने अच्छा काम किया. 2019 के चुनाव में उन्हें काफी मुश्किल से पार्टी से टिकट मिला और इसके बाद बड़े नेताओं ने ही भीतरघात कर उन्हें हराया उन्होंने कहा कि चुनाव में हार जीत होना नई बात नहीं है लेकिन इसके बाद कोडरमा की सांसद ने भी अनदेखी शुरू की. उनकी मर्जी के विरुद्ध यहां संगठन का विस्तार किया जाता रहा, समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई. इस विषय को लेकर वह सांसद अन्नपूर्णा देवी और बाद में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से भी मिले लेकिन उनकी बातें नहीं सुनी गईं.
प्रो जे पी वर्मा ने कहा कि इस तरह की उपेक्षा के बीच उनके अपने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों ने उन्हें क्षेत्रीय दल झारखंड मुक्ति मोर्चा की सदस्यता ग्रहण करने की सलाह दी. इसे लेकर कोडरमा लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता और बुद्धिजीवियों के साथ बैठक हुई जिसके बाद वे मुख्यमंत्री से मिले और झामुमो में शामिल होने पर सहमति बन गई. उन्होंने बताया कि नवंबर के अंत में वह झामुमो की सदस्यता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समक्ष ग्रहण करेंगे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी के सम्मन पर पूर्व विधायक ने कहा कि यहां लोकतंत्र का मजाक बनाया जा रहा है. हेमंत सोरेन के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र के तहत ईडी काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वैसे हेमंत सोरेन डरने वाले नहीं हैं.