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टायो संघर्ष समिति के सिविल रिट पिटीशन की रांची उच्च न्यायालय मे सुनवाई

जमशेदपुर। टायो संघर्ष समिति के नेता अजय कुमार शर्मा द्वारा रांची उच्च न्यायालय में दायर सिविल रिट पिटीशन संख्या 3573 की आज माननीय न्यायाधीश श्री अजय शंकर की पीठ में सुनवाई हुई।

ज्ञातव्य है कि टायो रोल्स लिमिटेड को टाटा स्टील ने एप्रोप्रियेट ऑथोरिटी, लेबर, एम्पलायमेंट और ट्रेनिंग, झारखंड सरकार की 27.10.2016 की टायो रोल्स को बंद नहीं करने के आदेश को अनदेखा कर सितम्बर, 2016 में टायो कंपनी को बंद कर दिया और इसके कर्मचारियों का वेतन भत्ते का भुगतान रोक दिया।

कर्मचारियों ने दिवालिया कानून, 2016 के सेक्शन 9 के तहत एनसीएलटी, कोलकाता में एक पिटीशन दायर कर कंपनी का उद्धार करने की गुहार लगाई जिसमें एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी द्वारा 05.04.2019 के अपने आदेश के द्वारा मॉराटोरियम लगा दिया।

कर्मचारियों को बाद में पता चला कि टाटा स्टील को 1969 में आयडा में जो 350 एकड़ जमीन दी गयी थी,जिस पर टाटा स्टील अपना दावा कर रही है, वह गवर्नमेंट ग्रांट है जिसको सबलीज नहीं किया जा सकता।

कर्मचारी तब माननीय रांची उच्च न्यायालय में गुहार लगाकर उक्त लीज को रद्द कर उक्त जमीन को कानूनन टायो रोल्स लिमिटेड के नाम करने का निर्देश राज्य सरकार और ऑयडा को देने की मांग की ताकि उक्त कंपनी का पुनरूद्धार किया जा सके।

आज की सुनवाई में झारखंड सरकार की तरफ से पिटीशन का कोई विरोध नहीं किया गया। टाटा स्टील के वकील इन्द्रजीत सिंहा ने पिटीशन को सुने जाने के अधिकार पर सवाल उठाया जिसपर टायो कर्मचारियों के वकील अखिलेश श्रीवास्तव ने आपत्ति जताते हुए कहा की रिट पिटीशन पर किसी प्राईवेट पार्टी को प्रारंभिक आपत्ति जताने का कोई अधिकार नहीं है।

बहस के उपरांत माननीय न्यायाधीश ने सभी पक्षों को नोटिस जारी कर एक महीने में एफिडेविट फाईल करने का निर्देश दिया। कर्मचारियों की ओर से अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव के अलावे रोहित सिंह, आकाश शर्मा और सूरज किशोर ने बहस में हिस्सा लिया।