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टाटा स्टील में 500 कर्मचारी पुत्रों की होगी बहाली, दस साल बाद बड़ा तोहफा

जमशेदपुर। टाटा स्टील के पूर्व और वर्तमान रजिस्टर्ड कर्मचारी पुत्रों को इस कोरोना काल में टाटा वर्कर्स यूनियन ने नियोजन का बड़ा तोहफा दिया है। यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद की पहल के बाद करीब दस वर्षों के बाद कर्मचारी पुत्रों की बहाली पर बुधवार को प्रबंधन और यूनियन के बीच समझौता हो गया। इसके तहत 500 कर्मचारी पुत्रों की तीन वर्षों में बहाली होगी।

प्रबंधन ग्रेड रिवीजन समझौते में यूनियन से किए गए वादा को निभाते हुए तीन वर्षों में 500 निबंधित कर्मचारी पुत्रों की बहाली करेगा। हालांकि चयन के लिए एक ही परीक्षा होगी। परीक्षा का एक ही रिजल्ट भी होगा। जारी रिजल्ट में मेधा के आधार पर सूची तैयार की जाएगी। वर्ष 2021 में इस सूची से प्रथम वरीयता के 175, वर्ष 2022 में 175 और वर्ष 2023 में शेष 150 चयनित इंप्लाई वार्ड को ट्रेनिंग पर भेजा जाएगा। सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरा करने पर स्थायीकरण किया जाएगा।

बुधवार को हुए समझौते के तहत कोविड के बाद संभवत: फरवरी 2021 में बहाली के लिए विज्ञापन निकाला जायेगा। इसकी जानकारी समझौते के बाद यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने प्रेस वार्ता में दी। इस दौरान महासचिव सतीश सिंह, डिप्टी प्रेसिडेंट अरबिंद पांडेय, उपाध्यक्ष शाहनवाज आलम, भगवान सिंह, हरिशंकर सिंह, सहायक सचिव नितेश राज व कोषाध्यक्ष प्रभात लाल उपस्थित थे।
इससे पहले 2011 में हुई थी बहाली
टाटा स्टील में इसके पहले 8 मार्च 2011 को कर्मचारी के नियोजन पर समझौता हुआ था। तब यूनियन के अध्यक्ष रघुनाथ पांडेय थे। तब एनएस ग्रेड में 682, सिक्योरिटी में 347 और करीब 100 मैट्रिक पास पारा मेडिकल स्टाफ की बहाली हुई थी। इस बीच नौकरी को लेकर कई बार कर्मचारियों के आश्रितों ने आंदोलन भी किया। आखिरकार वर्तमान यूनियन अध्यक्ष आर रवि प्रसाद ने बहाली कराने में सफलता पाई है।

क्या है समझौता
1. पूर्व या वर्तमान कर्मचारी के वार्ड जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है। कर्मचारियों की सेवा अवधि कम से कम 25 वर्ष होनी चाहिए। जिन कर्मचारियों ने अपने वार्ड का अबतक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, वे विज्ञापन निकलने से पहले रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वर्तमान में करीब दस हजार रजिस्टर्ड इंप्लाई वार्ड हैं।
2. आवेदन के लिए आयु सीमा 18 वर्ष से 42 वर्ष तक होनी चाहिए।
3. शैक्षिक योग्यता अंग्रेजी के साथ न्यूनतम मैट्रिक या इसके समकक्ष होना चाहिए।
4. लिखित परीक्षा में सफल होने के बाद इंटरव्यू (एप्टीट्यूड टेस्ट) होगा। इसमें सफल होने पर मेडिकल टेस्ट होगा। मेडिकल टेस्ट में सफल होने पर एक साल की ट्रेनिंग पर भेजा जायेगा। लिखित परीक्षा हिंदी और अंग्रेजी माध्यम में होगी।
5. ट्रेनिंग अवधि में सरकारी प्रावधान के तहत न्यूनतम वेज 8778 रुपये छात्रवृत्ति के रूप में प्रतिमाह मिलेंगे।
6. सफलतापूर्वक ट्रेनिंग पूरा करने पर एनएस ग्रेड में ब्लॉक वन में नियुक्त किया जायेगा।