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स्टाॅक में अडानी समुह द्वारा हेराफेरी के सार्वजनिक होने पर शेयरों के कीमतों में गिरावट

जमशेदपुर : एआईसीसी एवं प्रदेश कांग्रेस के आहवान पर राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम के तहत “हम आडानी के है कौन” विषय पर प्रेस बयान जारी करते हुए जिला प्रभारी बलजीत सिंह बेदी एवं जिलाध्यक्ष आनन्द बिहारी दुबे ने कहा कि देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, सरकारी उपक्रमों के बिक्री के विरुद्ध एवं सरकारी विफलताओं से जनता का ध्यान भटकाने के लिए वर्तमान की भाजपा सरकार प्रायोजित विभाजनकारी नीति को आगे रख कर दहशत फैला रही है। इसी की आड में मोदी  अपने व्यापारी मित्र अडानी समुह को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से असंवैधानिक कार्यों में शामिल खड़ी है। देश का खजाना और राजस्व को निजी स्वार्थ के द्वारा बड़े पैमाने पर प्रभावित की गई है।

स्टाॅक में अडानी समुह द्वारा हेराफेरी के सार्वजनिक होने पर शेयरों के कीमतों में गिरावट दर्ज हुई, जिसके कारण लाखों निवेशकों को नुकसान पहुंचा। जिन्होनें कृत्रिम रूप से बढ़ी हुई शेयरों में निवेश किया। 24 जनवरी से 15 फरवरी के बीच अडानी समुह के शेयर के मुल्य में 10 लाख 50 हजार करोड रूपये की गिरावट आई।
एलआईसी द्वारा खरीदे गए अदानी समूह के शेयरों का मूल्य 30 दिसंबर 2022 को 83 हजार करोड़ रुपया था जो 15 फरवरी 2023 को घटकर 39000 करोड रुपया रह गया यानी 30 करोड एलआईसी पॉलिसी धारकों की बचत के मूल्य में 44,000 करोड रुपए की कमी हुई। अदानी समूह द्वारा धोखाधड़ी के गंभीर आरोप के बाद भी मोदी सरकार ने एलआईसी को अडानी इंटरप्राइजेज के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर एफपीओ में अतिरिक्त 300 करोड निवेश करने के लिए मजबूर किया।

14 जून 2022 को अडानी समूह ने घोषणा की कि वह फ्रांस की टोटल एनर्जीज के साथ साझेदारी के अंतर्गत ग्रीन हाइड्रोजन में 50 बिलियन डॉलर का निवेश करेगा 4 जनवरी 2023 को ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19,444 करोड रुपए की लागत के साथ राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन को मंजूरी दे दी, टोटल एनर्जीज ने इस उधम में अपनी भागीदारी को रोक दिया है लेकिन क्या अडानी की कोई ऐसी व्यवस्था की घोषणा है इसके बाद करदाताओं के पैसों से सब्सिडी प्रदान नहीं की गई।
इतना ही नहीं एक फरवरी को अपने मित्र ‘काल बजट’ भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि अगले चरण में 50 और हवाई अड्डे, हेलीपोर्ट और वाटर एरोड्रम को पुनर्जीवित किया जाएगा। जिसमें से कितने अडानी को लाभ पहुंचाएंगे, एकाधिकार स्थापित करना,
हवाई अड्डे : अदानी समूह बहुत ही कम समय में भारत के हवाई अड्डों का सबसे बड़ा संचालक बन गया है। इस समय 2019 में 6 में से छह हवाई अड्डों के संचालन की अनुमति सरकार से प्राप्त कर ली और 2021 में यह समूह संदेहास्पद परिस्थिति में भारत के दूसरे सबसे व्यस्त हवाई अड्डे मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर काबिज हो गया ।
बंदरगाह : आज अदानी समूह 13 बंदरगाहों और टर्मिनल्स को नियंत्रित करता है, जो भारत की बंदरगाह क्षमता का 30% और फूल कंटेनर आवाजाही का 40% है क्या यह राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से विवेकपूर्ण है कि धन शोधन और विदेश की तेल कंपनियों से लेनदेन के गंभीर आरोपों का सामना करने वाली एक कंपनी को एक सामरिक क्षेत्र में प्रभुत्व रखने की अनुमति दे दी जाए?
मोदी सरकार द्वारा अदानी समूह को रक्षा जैसे संवेदनशील क्षेत्र अभी सौप गए हैं।
विद्युत क्षेत्र : भी सौंपे गए हैं, झारखंड के गोड्डा में अडानी पावर थर्मल पावर प्लांट निर्माण कर बंग्लादेश को बिजली आपूर्ति करेगा।
मोदी सरकार ने पिछले 9 सालों में सीएजी, सीबीआई जैसी सभी सरकारी एजेंसियों और संस्थाओं पर चाहे नियंत्रण कर लिया हो, लेकिन सच हमेशा सामने आ ही जाता है। उसे ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर दबाया नहीं जा सकता है, कृपया इंतजार करिए और देखिए हम सिर्फ शुरुआत हैं, बीजेपी के कई और गुप्त भेद आने वाले समय में उजागर होंगे।