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सरकारी सेवाओं में आईटी सेवाओं का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल होगा: हेमन्त सोरेन

सूचना प्रौद्योगिकी आज की नितांत जरूरत बन चुकी है. हर सेक्टर में सूचना प्रौद्योगिकी अप्लीकेशन्स का बड़े स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है. चाहे सरकार हो या आम लोग, सूचना प्रौद्योगिकी से कामकाज में तेजी, क्षमता विस्तार और पारदर्शिता आई है. ऐसे में राज्य की आवश्यकता और आम जनता की सहूलियत के लिए सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं के विकास, विस्तार और उपयोग पर सरकार का विशेष जोर है. मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज सूचना प्रौद्योगिकी और ई गवर्नेंस विभाग की समीक्षा बैठक में कही. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाओं, योजनाओं और कार्यक्रमों की अद्यतन जानकारी ली.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी सरकारी विभागों की ऑफिशल वेबसाइट की हैकिंग नहीं हो , इसके लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग कदम उठाए. उन्होंने कहा कि सभी विभागीय वेबसाइट की सिक्योरिटी ऑडिट कराई जाए . जरूरत हो तो उसे यह सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि साइबरक्राइम आज बड़ी चुनौती बनी हुई है . ऐसे में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करें जिससे साइबर क्राइम को कंट्रोल किया जा सके. मुख्यमंत्री ने इसके लिए स्ट्रांग सेल बनाने को कहा जिसमें साइबर एक्सपर्ट्स की पूरी टीम होनी चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि आईटी सेवाओं को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग प्रक्रिया अपनाई जाती है . जिससे काफी दिक्कतें आती है और एकरूपता नहीं होती है . उन्होंने आईटी डिपार्टमेंट के अधिकारियों से कहा कि सभी विभागों के लिए आई टी से संबंधित सेवाओं और उपकरणों को लेकर कंप्रिहेंसिव डाटा तैयार करें और उनकी जरूरतों के हिसाब से सुविधाएं दे . उन्होंने ग्रीवांस सेल के लिए टॉल फ्री नंबर भी जारी करने को कहा .
अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग के द्वारा झारखण्ड माय प्रोजेक्ट, भारनेट, ई प्रोक्योरमेंट, स्टेट डेटा सेन्टर, कार्य एवं लेखा प्रबंधन सूचना प्रणाली, यूनिफाईड डाटा रिपोजिटरी सिस्टम, दुमका, आदित्यपुर, देवघर औऱ बोकारो में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, रांची में एडवांस साईबर फोरेंसिक लैब और जिलों में स्टैंडर्ड साईबर फोरेंसिक लैब, रांची में आईटी पार्क ,ई-ट्रायल, ई-झारसेवा, झार एनर्जी, राइट टू गारंटी ऑफ सर्विसेज एक्ट, डिजिटल लैंड रिकार्ड्स मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम, इंटीग्रेटेड माइन्स एंड मिनरल्स सिस्टम जैसी कई योजनाएं योजना एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं और जनोपयोगी सेवाओं के लिए भी कई सूचना प्रौद्योगिकी आधारित सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त के के खंडेलवाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई गवर्नेंस विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा, विशेष सचिव सर्वेश सिंघल और निदेशक मनोज कुमार उपस्थित थे।