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सरायकेला उपायुक्त ने स्वास्थ्य उप केंद्रों का किया औचक निरीक्षण

कोरोना काल के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए सरायकेला जिला प्रशासन गंभीर है, इसे लेकर गुरुवार को उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी ने गम्हरिया

और सरायकेला प्रखंड के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और पंचायत भवनों का निरीक्षण किया. इस दौरान कई स्वास्थ्यकर्मी मौके से गायब मिले.

सरायकेला: जिले के उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी ने गम्हरिया और सरायकेला प्रखंड के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और पंचायत भवन का गुरुवार को निरीक्षण किया. गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत स्वास्थ्य उपकेंद्र, पंचायत भवन और सरायकेला प्रखंड अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र टिटिरबिला का निरीक्षण किया, इस दौरान कई केंद्र बंद मिले.
कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था की जायजा लेने के लिए डीसी ने कई क्षेत्रों में औचक निरीक्षण किया. गुरुवार को सरायकेला उपायुक्त इकबाल आलम अंसारी ने गम्हरिया प्रखंड के निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य उपकेंद्र जुलिता डुंगडुंग (एएनएम) और सीएचओ रश्मि को अनुपस्थित पाया. ग्रामीणों ने बताया कि यह स्वास्थ्य उपकेंद्र कभी खुलता ही नहीं है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि वर्ष 2013 के बाद यहां किसी चिकित्सक को पदास्थापित नहीं किया गया है. इस स्वास्थ्य उपकेंद्र के आगे झाड़ियों की वजह से ऐसा प्रतीत हुआ मानो यहां कोई आता-जाता ही नहीं हो. मामले पर उपायुक्त ने अनुपस्थित कर्मियों के विरूद्ध स्पष्टीकरण और संबंधित पदाधिकारियों को अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इस दौरान डीसी ने सिविल सर्जन हिमांशु भूषण बरवार से बातचीत कर अनुपस्थित कर्मचारी और पदाधिकारियों पर कर्रवाई करने का निदेश दिया है.
गम्हरिया प्रखंड का जयकान पंचायत भी निरीक्षण के दौरान बंद मिला. निरीक्षण स्थल पर उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि हाल में ही भवन की मरम्मति पूर्ण हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत सचिव वकील चंद्र महतो और जनसेवक सुबोध चंद्र महतो बहुत दूर से आना-जाना करते हैं. उपायुक्त ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए गम्हरिया बीडीओ को स्पष्टीकरण प्राप्त करने का निर्देश दिया है. सरायकेला प्रखंड अंतर्गत तितिरबिला के स्वास्थ्य उपकेंद्र में भी पदाधिकारी अनुपस्थित मिले. सूचना मिलने पर सीएचओ डॉली कुमारी ने केंद्र को खोला. निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट ज्ञात हुआ कि इस उपकेंद्र में कई गड़बड़ियां थी, जिसे मनमानी तरीके से भी
खोला जाता है. मामले पर उपायुक्त ने मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी को अनियमितता, संचालन और रखरखाव की समीक्षा करने का निर्देश दिया.