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सोनू पंजाबन: जिस्मफ़रोशी को जनता की सेवा बताने वाली औरत

 नई दिल्ली: देह व्यापार के धंधे के लिए कुख्यात लेडी डॉन सोनू पंजाबन को अब 24 साल तक जेल की सलाखों के पीछे रहना होगा। दरअसल, 12 साल की बच्ची को अपहरण करने, देह व्यापार कराने और मानव तस्करी के मामले में दिल्ली की कोर्ट ने यह सख्त सजा सुनाई है। सजा के तहत उसे 24 साल तक जेल में रहना होगा। सोनू पंजाबन के साथ उसके करीबी संदीप बेदवाल को 20 साल कैद की सजा सुनाई गई है। दोनों दोषियों पर एक बच्ची का अपहरण करने और उससे देह व्यापार का दोषी पाया गया था।

दिल्ली-एनसीआर की सबसे कुख्यात देह व्यापार रैकेट संचालिका गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन को 2017 में भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी आधा दर्जन से अधिक बार हुई है। वर्ष 2009 में गीता कालोनी की ही रहने वाली 13 साल की किशोरी को सोनू देह व्यापार रैकेट के धंधे में ले आई थी।

कुछ समय तक तो वह खुद उससे देह व्यापार कराती रही फिर लखनऊ में उसे बेच दिया गया। वहां हवस का शिकार बनाने के बाद दलाल ने किशोरी को दिल्ली के तिलक नगर में अन्य दलाल को बेच दिया गया। उसने भी कुछ दिन बाद किशोरी को रोहतक में बेच दिया। बालिग होने के बाद पीडि़ता रोहतक से भागकर 2014 में दिल्ली आ गई। नजफगढ़ आकर उसने राहगीर से थाने के बारे जानकारी मांगी और वहां जाकर सोनू समेत अज्ञात लोगों के खिलाफ वैश्यावृत्ति कराने, मानव तस्करी आदि आधा दर्जन से अधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया था।

जेल से भी चलाया था धंधा

सोनू पर शिकंजा कसने के लिए 2011 में महरौली पुलिस ने मकोका लगा तो दिया लेकिन सुबूत के अभाव में 2014 में वह बरी हो गई थी। हालांकि मकोका की वजह से वह तीन साल जेल में बंद रही थी। उस दौरान तिहाड़ जेल से बंद रहने के दौरान वह जेल से भी वह अपना धंधा चलाती रही। जेल में उसके पास से मोबाइल भी मिला था।

सोनू की नज़र में जिस्मफ़रोशी जनसेवा

सोनू पंजाबन 2019 में पैरोल पर रिहा हुईं. उस दौरान उन्होंने अपने तमाम टीवी इंटरव्यूज़ में कहा था कि पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। किसी भी लड़की ने ऑन-रिकॉर्ड यह नहीं कहा कि वह दलाल हैं. वह लोगों को जनसेवा के आधार पर सिर्फ सुविधाएं मुहैया कराती हैं।