जमशेदपुर : न्ययालय के आदेश के बावजूद भी महिला उत्पीड़न के मामले में नहीं की जा रही प्राथमिकी दर्ज महिला उत्पीड़न के मामले में त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए . महिलाओं के उत्पीड़न पर लगाम लगाया जाना जरूरी है . इन मामलों में अगर सख्त कार्रवाई होगी तो इसे रोकना भी आसान होगा . उपरोक्त बातें राज्य के पुलिस महानिदेशक एम बी राव द्वारा पिछले दिनों कही गई और राज्य के सभी जिलों में इससे संबंधित दिशा निर्देश सूचनार्थ भेज दिए गए हैं . लेकिन अहम बात यह है कि राज्य के सबसे साक्षर जिलों में जमशेदपुर में इन वारदातों को रोकने और कार्रवाई करने की दिशा में पुलिस शिथिल पड़ रही है . सोनारी थाना प्रभारी डीजीपी के आदेश को धत्ता बताकर वह अपने मनमुताबिक काम करने का फरमान जारी करती है ,लेकिन जब से सोनारी थाना में महिला थानाध्यक्ष बनाया गया ।उस दिन से सोनारी थाना क्षेत्र में अपराधियों का बल्ले बल्ले चल रहा है ।
जानकार सूत्रों के अनुसार सोनारी थाने का एक मामला है, जिसमें मानगो के रहने वाले ज्वेलरी व्यवसायी अजीत सिंह द्वारा सोनारी की एक महिला से लोन दिलाने के नाम पर ठगी की गई है . उसके जमीन और मकान के कागजात ले लिए गए और जबरन उसका बैंक पासबुक भी छीन लिया गया. एसएसपी से शिकायत हुई और बाद में सोनारी थाना में भी इसकी शिकायत की गई लेकिन समझौता करने की बात कह कर मामला दर्ज नहीं किया गया. बाद में कोर्ट में एक शिकायत बाद दाखिल किया गया. कोर्ट ने सोनारी थाना को प्राथमिकी दर्ज कर जांच के आदेश दिए . लेकिन दस दिन बीत जाने के बावजूद भी सोनारी थाना ने एफ आई आर दर्ज नहीं किया है. इतना ही नहीं महिला उत्पीड़न के मामले की निगरानी के लिए सीसीआर डीएसपी को अधिकृत किया गया है . सीसीआर डीएसपी ने सोनारी थाना को मामले में कार्रवाई करने के आदेश भी दिए , लेकिन अब तक इस दिशा में भी कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई है . जिला पुलिस द्वारा ऐसा किया जाना निश्चित रूप से जिले के पुलिस महानिदेशक के आदेशों और निर्देशों की खुली अवहेलना है . सोनारी की महिला द्वारा पायल ज्वेलर्स के मालिक अजीत सिंह के खिलाफ पिछले दिनों कोर्ट में एक शिकायतवाद दाखिल किया गया था. जिसमें अजीत सिंह के विरुद्ध आरोप है कि ऋण दिलाने के नाम पर महिला से मकान का दस्तावेज, आधार कार्ड और फोटोग्राफ अपने पास रख कर बोला था कि दो माह के अंदर लोन पास करा देंगे . लेकिन दो माह बीतने के बाद भी लोन नहीं मिला. लोन दिलाने को बोलने पर आनाकानी करने लगा. अपने दस्तावेज वापस मांगे तो वापस करने से इंकार कर दिया. 9 सितंबर को रीना शर्मा के मोबाईल पर फोन कर बोला कि तुमसे मिलना जरुरी है और उसे सोनारी कोयला टाल के पास बुलाया. जब रीना शर्मा वहां पहुंची तो देखी कि काले रंग के एक कार में अजीत सिंह अपने तीन-चार साथी को साथ बैठा हैं . महिला को देखते ही अजीत सिंह मारपीट करने लगे एवं छेड़खानी करते हुए गाड़ी में खींचकर बैठाने की कोशिश किया और अश्लील हरकत करते हुए जबरन अपने साथ ले जाने लगे और कह रहे थे कि ले चलो इसे बलात्कार कर देते हैं . जबकि जबरन मारपीट कर कुछ टाइप किये हुए पेपर में हस्ताक्षर करवा लिया गया है और उसका बैग भी छीन लिया. बैग में बैंक का चेक बुक एवं अन्य दस्तावेज थे. अजीत सिंह ने धमकी दी कि तुम्हारा सब फोटो वायरल कर देंगे . महिला के चिल्लाने पर अगल-बगल के लोग जमा हो गए और राहगीरों के द्वारा उसके हरकत से बचाया गया . उसके बाद उसी दिन महिला ने एसएसपी को एक लिखित आवेदन दी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की, बल्कि सोनारी पुलिस उल्टे अभियुक्त के साथ सुलहनामा करने का दबाव बनाने लगी. तंग होकर महिला न्याय के लिए न्यायालय के शरण में पहुंची और शिकायतवाद दाखिल किया है
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