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सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री का प्लैटिनम जुबिली मनाने के पक्ष में पूर्व अध्यक्षों के दो गुट आमने-सामने भिड़े

  1. जमशेदपुर – सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष  विजय आनंद मूनका  के काम-काज करने के तौर तरीके एवं अपने हिसाब से चैम्बर का इतिहास बदलकर सम्मानित पूर्व अध्यक्षों द्वारा किये हुए कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगाने के कारण चैम्बर अध्यक्ष को चैम्बर उपाध्यक्ष (पीआरडब्लू )  मुकेश मित्तल ने दो पत्र  19/05/2023 एवं 20/05/2023 को भेजे, जिसकी प्रतिलिपी चैम्बर के पूर्व अध्यक्षों को भी भेजी गई थी। इसी सिलसिले में चैम्बर अध्यक्ष ने 24/05/2023 को चैम्बर भवन में संध्या 6 बजे पूर्व अध्यक्षों की एक बैठक बुलाई थी जिसमें पूर्व अध्यक्षों में  विजय कुमार मेहता,  मुरलीधर केडिया, ए.के. श्रीवास्तव,  आर. के. चौधरी, निर्मल काबरा,  सुरेश सोंथालिया,  अशोक भालोटिया,  उमेश कांवटिया एवं उपाध्यक्ष (पीआरडब्लू)  मुकेश मित्तल उपस्थित हुए। चैम्बर अध्यक्ष  विजय आनंद मूनका के पिता की तबियत अचानक खराब हो जाने के कारण वे आज की बैठक में भाग नहीं ले सके चैम्बर अध्यक्ष की अनुपस्थिति में मुकेश मित्तल द्वारा चैम्बर अध्यक्ष को लिखे हुए पत्र पर चर्चा की गई, जिसमें खास करके समय से पहले चैम्बर की प्लैटिनम जुबली मनाने पर विवेचना की गई। जो बातें सामने आई वह प्रमुख रूप से:

1) सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की स्थापना 28.11.1950 को हुई थी और इसी आधार पर दस वर्षों तक चैम्बर के अध्यक्ष रहे स्व: नागिन भाई पारिख के नेतृत्व में 1976 में रजत जयंती और तत्कालीन अध्यक्ष स्व: चंदूलाल लाल भालोटिया के नेतृत्व में 2001 में स्वर्ण जयंती समारोह मनाया गया।

2) 27.09.2022 को चैम्बर का 71वाँ एजीएम का आयोजन किया गया, जो इस बात का प्रमाण है कि चैम्बर के 75 वर्ष पूरे नहीं हुए हैं।

3) भारत देश के संविधान को संविधान सभा ने 26 नवंबर, 1949 को मंजूरी दी, परंतु इसे लागू 26 जनवरी, 1950 को किया गया। इसी आधार पर हम भारत देश में गणतंत्र लागू होने की तारीख 26 जनवरी 1950 मानते हैं और न कि 26 नवंबर 1949 को

4) अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच की स्थापना वर्ष 1977 में हुई थी और इसका पंजीकरण 1985 में हुआ था पंजीकरण वर्ष 1985 को ही आधार मानकर, अखिल भारतीय मारवाड़ी युवा मंच की वर्ष 2010 में रजत जयंती समारोह  मनाई गई। चैम्बर अध्यक्ष विजय आनंद मूनका कई वर्षों से मारवाड़ी युवा मंच से जुड़े हुए हैं और आज भी राष्ट्रीय स्तर के पद पर होने के बावजूद वे यह बातें कैसे भूल गए।

5) अगर आज हम समय से पहले चैम्बर की प्लैटिनम जुबली समारोह मनाते हैं, तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए विवाद छोड़कर जायेंगें की चैम्बर का शताब्दी वर्ष 2048 या फिर 2050 में मनायें।

6) सारी बातों पर चर्चा करने पर यह बातें भी सामने आई कि चैम्बर के उपाध्यक्ष(पीआरडब्लू) मुकेश मित्तल, उपाध्यक्ष (टैक्स एंड फाइनेंस) दिलीप गोलछा एवं उपाध्यक्ष (इंडस्ट्री) महेश सोंथालिया चैम्बर अध्यक्ष के हिटलरशाही व्यवहार से नाखुश हैं और एक पीएसटी (प्रेसिडेंट, सेक्रेटरी, ट्रैसरर) ग्रुप बना रखा है जिसके माध्यम से चैम्बर के सारे फैसले लिए जाते हैं। चैम्बर अध्यक्ष ने सारे आफिस पदाधिकारी एवं पूरी कार्यसमिति सदस्य को अंधकार में रखकर पीएसटी ग्रुप के फैसले के आधार पर निजी स्वार्थ के कारण चैम्बर का प्लैटिनम जुबली मनाने का फैसला लिया।

अध्यक्ष विजय आनंद मूनका की अनुपस्थिति में जो बातें सामने आई, उसमें चैंम्बर के पूर्व अध्यक्ष आर. के. चौधरी, निर्मल काबरा, ए. के . श्रीवास्तव, सुरेश सोंथालिया, अशोक भालोटिया प्लैटिनम जुबिली मनाने के विरोध में थे जबकि पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया, विजय कुमार मेहता एवं उमेश कांटिया प्लैटिनम जुबिली मनाने के पक्ष में थे।