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सीआईडी ने टेकओवर किया फोन टैपिंग केस, डोरंडा थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर करेगी जांच

रांची:झारखण्ड वाणी संवाददाता:सीआईडी अपने ही विभाग में अपने ही अधिकारी के खिलाफ दर्ज मामले में जांच करेगी. एफआईआर दर्ज होने के बाद डोरंडा थाने के एएसआई चंद्रशेखर यादव को केस का इंवेस्टिगेटिंग ऑफिसर बनाया गया था, लेकिन रांची पुलिस इस मामले में जांच की दिशा में एक कदम भी आगे बढ़ती इससे पहले सीआईडी ने जांच टेकओवर करने का आदेश दे दिया.

रांची: सीआईडी के तकनीकी शाखा के फोन टैपिंग में गड़बड़ी के मामले में डोरंडा थाने में दर्ज केस का अनुसंधान सीआईडी करेगी. पुलिस मुख्यालय ने केस टेकओवर करने का आदेश सीआईडी मुख्यालय को दिया है. सीआईडी एडीजी अनिल पालटा ने कहा है कि केस टेकओवर करने की प्रक्रिया शुरु हो गई है. एक दो दिनों में केस सीआईडी टेकओवर कर लेगी. डोरंडा थाने में फोन टैपिंग के मामले में सीआईडी ने तत्कालीन तकनीकी सेल प्रभारी इंस्पेक्टर अजय कुमार साहू समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ 18 जुलाई को एफआईआर दर्ज कराई थी.
सीआईडी के डीएसपी रंजीत लकड़ा ने फोन टैपिंग के मामले में सीआईडी के तत्कालीन तकनीकी सेल प्रभारी अजय कुमार साहू समेत अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ डोरंडा थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. सीआईडी अपने ही विभाग में अपने ही अधिकारी के खिलाफ दर्ज मामले की जांच करेगी. एफआईआर दर्ज होने के बाद डोरंडा थाने के एएसआई चंद्रशेखर यादव को केस का अनुसंधानक बनाया गया था, लेकिन रांची पुलिस इस मामले में जांच की दिशा में एक कदम भी आगे बढ़ती इससे पहले सीआईडी ने जांच टेकओवर करने का आदेश दे दिया.
फोन टैपिंग केस में जांच के दायरे में सीआईडी, स्पेशल ब्रांच और गृह विभाग के अफसर भी आएंगे. सीआईडी में तकनीकी शाखा प्रभारी के आदेश पर स्पेशल ब्रांच के सिपाही इरफान, चौकी के तत्कालीन थानेदार रतन कुमार सिंह और चुटिया थाने के दरोगा रंजीत सिंह का नंबर टैपिंग पर लिया गया था. इस मामले में सीआईडी ने टैपिंग का प्रस्ताव स्पेशल ब्रांच को भेजा था. स्पेशल ब्रांच से प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद गृह सचिव के आदेश से नंबर्स की टैपिंग की.
सीआईडी में पूर्व में पोस्टेड रहे अधिकारियों के मुताबिक, पशु तस्करों, जेल में बंद अपराधी सुजीत श्रीवास्तव और अनिल शर्मा के नंबर्स की टैपिंग हो रही थी. इसी दौरान इन नंबर् की टैपिंग हुई थी. सर्विलांस में आने के बाद इन नंबर् को टैप किया गया था. रांची जिला के पुलिसकर्मी से बातचीत की बात सामने आने पर इसकी जानकारी तत्कालीन रांची एसएसपी को दी गई थी. जिसके बाद रांची के सिटी डीएसपी अमित कुमार को बुलाकर फोन की रिकॉर्डिंग सुनाई गई थी.