जुगसलाई : विधानसभा के अंतर्गत पटमदा प्रखंड कार्यालय से छह किलोमीटर दूर रानी झरना में रहने वाले दस सबर परिवारों की स्थिति बद्तर है रानी झरना से डेढ़ किलोमीटर के बीच नहीं कोई पक्की सड़क है नहीं पुलिया आदिम जनजाति परिवारों को पीने का साफ पानी भी नहीं मिलता शौचालय तो दूर की बात है बरसों पुराने जर्जर बिरसा आवास मैं सबर परिवार रहते हैं। चार दिन पहले भीम समर के घर की छत गिर गई। यह संयोग था कि परिवार के कुछ लोग जंगल गए हुए थे तो कुछ लोग घर के बाहर थे इस कारण सभी की जान बच गई।
आदिम सबर जाति झारखंड से लुप्त हो रही है भारत सरकार तथा झारखंड सरकार द्वारा कई योजनाएं हैं परंतु इसका लाभ अभी तक इनके बीच नहीं पहुंच पाया है यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है।
झारखंड सरकार से अनुरोध है कि जल्द से जल्द उन पदाधिकारियों पर कमर कसने का काम करें जो इन जातियों को सरकारी योजनाओं से वंचित रख रहे हैं अगर कार्रवाई नहीं होती है तो भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा झारखंड में आंदोलन के लिए बाध्य होगा
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