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सात समंदर पार कर यूएस की कलोडिया ने रांची आकर ली सात फेरे

सात समंदर पार कर यूएस की कलोडिया ने रांची आकर ली सात फेरे
करता था। इसी दौरान छठ और अन्य पर्व त्योहारों को भी कलोडिया और उसके परिवार ने नजदीक से देखा। वे यूएस में रहकर भी भारतीय संस्कृति में रचने बसने लगे

इस मौका देखकर क्लोडिया ने अपने प्यार का इजहार भी कर दिया। दोनों ने अपने प्यार को मुक्कमल बनाने के लिए शादी करना चाहते थे। तुषार को लगता कि पता नहीं उसके घर वाले विदेशी युवती को बहू बनाना पसंद करेंगे या नहीं। जब उसने अपने घर में इस प्यार की बात बताई तो उसके माता-पिता ने इसका समर्थन किया पर शर्त यह रखी की शादी भारतीय रीति के साथ रांची में ही होगी। उधर क्लोडिया और उसके माता-पिता भी इस बात के लिए तैयार हो गए। फिर आपने माता -पिता और परिजनों के साथ क्लोडिया यूएस से रांची आई। 25 जनवरी को यहां हिंदू विधान के साथ धूम-धाम से दोनों की शादी हुई

तुषार के पिता विनोद ओझा जो रांची के वरिष्ठ पत्रकार हैं और माँ प्रतिभा कुमारी एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका है। विदेशी बहु से परिवार के लोग काफी खुश हैं। तुषार के पिता विनोद ओझा कहते हैं कि हमारी खुशी बच्चों की खुशी में है। बदलते दौर में शादी को जबरन बच्चों पर थोपा नहीं जाना चाहिए। उनकी मर्जी का ख्याल जरूरी है। आखिर साथ जिंदगी तो उन्हें ही जीनी है। तुषार की मां भी अपनी बहू से काफी खुश हैं।

कहते हैं न कि प्यार अगर सच्चा हो तो इसके बीच में आने वाली हर मुश्किल दीवार खुद ही टूट जाती है और फिजा में गूंज उठते हैं बस प्यार के तराने।

“डेंजर लव” तो नहीं आपका “इश्क”, पहले पड़ताल कर लें
दौर में प्रेमी-प्रेमिकाओं की एक दूसरे से उपेक्षाएं काफी ज्यादा होती है। जब यह फुलफिल नहीं होती तो रिश्ते बोझिल होने लगते हैं और फिर इस बोझ से मुक्ति की चाहत हिंसा को जन्म देती है। डॉ अशोक आगे कहते हैं कि अब सब कुछ फास्ट हो गया है। प्रपोज से लेकर लव और फिजिकल रिलेशन तक। यह इतना फ़ास्ट है कि प्रेमी जोड़े एक दूसरे को गहराई तक समझने का वक्त भी नहीं देते। इसकी परिणति आगे चलकर ‘खतरनाक प्यार’ या फिर ‘डेंजर इश्क’ के रूप में होती है। कम उम्र के बच्चों को अभिभावक की ओर से मिली खुली छूट और बाजारवाद में फैशन बना प्यार भी इसके कारण है।

इसका मतलब यह नहीं की आप इश्क़ को बाय-बाय कह दें। बस इश्क के समंदर में गोते लगाने से पहले यह पड़ताल कर लें कि यह इश्क़ डेंजर वाला लव तो नहीं है न।

धनबाद के 21 परीक्षा केंद्रों पर पांच अप्रैल तक निषेधाज्ञा लागू
स्कूल कुसुंडा कोलियरी, लायंस पब्लिक स्कूल सिंदरी, राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर अशोक नगर धनबाद, दिल्ली पब्लिक स्कूल कार्मिक नगर, डीएवी सैंटनरी पब्लिक स्कूल बानियाहिर, धनबाद पब्लिक स्कूल भूंईफोड़ मंदिर के निकट, सरस्वती शिशु मंदिर श्यामदीह कतरास, श्रीमती गिनिया देवी मॉडर्न स्कूल चिरकुंडा, सरस्वती विद्या मंदिर श्रमिक नगर भूली, गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल सेंट्रल गुरुद्वारा के पीछे बैंक मोड़, जीजीसीटी सेंट जेवियर इंटरनेशनल स्कूल नवाडीह, धनबाद पब्लिक स्कूल हीरक ब्रांच नागनगर, सिंबायोसिस पब्लिक स्कूल बरवाअड्डा, द्वारिका मेमोरियल फाउंडेशन एकेडमी बिशुनपुर, मोंटफोर्ट एकेडमी तोपचांची, केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 धनबाद, केंद्रीय विद्यालय मैथन तथा जवाहर नवोदय विद्यालय मैथन के 100 मीटर की परिधि में परीक्षा की अवधि के दौरान निषेधाज्ञा रहेगी