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संत जेवियर्स स्कूल पर मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने का आरोप

बोकारो में अभिभावकों ने संत जेवियर्स स्कूल पर मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने का आरोप लगाया है. अभिभावकों का कहना है कि राज्य सरकार के आदेश के बाद भी स्कूल ने फीस में बढ़ोतरी की है. मामले में

अभिभावकों ने शिक्षा पदाधिकारी को ज्ञापन सौंप कर न्याय की गुहार लगाई है.

बोकारोः लॉकडाउन के दौरान फीस को लेकर निजी स्कूल लगातार अभिभावकों को परेशान कर रहे हैं. ताजा मामला जिले के संत जेवियर्स स्कूल का है, जहां अभिभावकों ने स्कूल पर मनमाने तरीके से फीस बढ़ाने का आरोप लगाया है. इसी को लेकर अभिभावकों ने शिक्षा पदाधिकारी नीलम आइलिन टोप्पो से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने न्याय की गुहार लगाई है. वहीं, अभिभावकों का कहना है कि संत जेवियर्स स्कूल में नामांकन के समय स्कूल प्रबंधन ने इस साल के अगस्त तक की फीस ली थी. कुछ दिन के बाद ही स्कूल प्रबंधन की ओर से मेल आया कि नामांकन के समय जमा राशि में से सिर्फ 360 रुपये ही बचे हैं.
लॉकडाउन के कारण अभिभावक किसी तरह से अपना घर-परिवार चला रहे हैं और इस मुश्किल समय में स्कूल भी अपना ही राग अलाप रहा है. राज्य सरकार की ओर से यह निर्देश आया था कि वर्ष 2020-21 में किसी तरह की फीस में वृद्धि नहीं की जाएगी, लेकिन ऐसा कहीं भी देखने को नहीं मिल रहा है. जिले के संत जेवियर स्कूल की वर्ष 2019 में जो फीस थी, उसे लॉकडाउन के दौरान बढ़ा दिया गया. अगर वर्ष 2019 की फीस की बात करें तो क्लास प्रे से लेकर कक्षा तीन तक की फीस 2,390 रुपए थी. स्कूल प्रबंधन ने इसे वर्ष 2020 में बढ़ाकर कुछ और ही कर दिया है.
इस वर्ष प्रे से लेकर कक्षा तीन तक की फीस को बढ़ाकर 3,170 रुपए कर दिया गया है. इसी तरह सभी कक्षाओं की फीस में लगभग 12 सौ से 600 रुपए की बढ़ोतरी की है. इसी मामले को लेकर अभिभावकों ने शिक्षा पदाधिकारी नीलम आइलिन टोप्पो को ज्ञापन सौंप कर मामले की जानकारी दी. इसके साथ ही अभिभावकों ने स्कूल मनमानी तरीके से फीस के अलावा अन्य शुल्क जोड़ कर ले रहा है, इस पर कार्रवाई की मांग की. वहीं, संत जेवियर्स स्कूल में प्रे में नामांकन कराने वाले लगभग 40 बच्चों को ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ एग्जाम से भी वंचित रखा गया है.
शिक्षा पदाधिकारी नीलम टोप्पो ने कहा कि अभिभावकों के द्वारा उठाई गई समस्या बिल्कुल जायज है. स्कूल को फीस में किसी भी तरह की बढ़ोतरी करने से पहले अभिभावकों की सहमति लेनी चाहिए थी. अभिभावकों के द्वारा दिए गए इस आवेदन के बाद बोकारो शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल से संपर्क किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी परिस्थिति में बच्चे पढ़ाई या परीक्षा से वंचित न रहे. इसके साथ ही कहा कि इस मामले को बोकारो उपायुक्त और राज्य सरकार के सामने रखेंगे.