जिले की विकास योजनाओं के शिलापट्ट पर नाम लिखने पर दुमका सांसद सुनील सोरेन और जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी में जुबानी जंग शुरू हो गई. सांसद ने जामताड़ा दौरे पर शिलापट्ट पर उनका नाम नहीं लिखने की आलोचना की तो जामताड़ा विधायक ने उन पर पलटवार कर दिया.
जामताड़ाः जामताड़ा में शिलापट्ट पर नाम लिखे जाने को लेकर राजनीति गर्म हो गई है. भाजपा के दुमका सांसद सुनील सोरेन की ओर से जिले के दौरे में विकास योजनाओं के शिलापट्ट पर उनका नाम नहीं लिखे जाने पर जामताड़ा विधायक बिफर गए. सोमवार को एक शिक्षक सम्मान समारोह में शामिल होने के बाद उन्होंने सांसद पर विकास नहीं कराने का आरोप लगाया. इस दौरान उनकी जुबान भी फिसल गई. उन्होंने सांसद को बच्चा तक कह दिया.
दर असल सरकारी विकास कार्यों के शिलापट्ट का शिलान्यास विधायक, सांसद और जनप्रतिनिधियों की ओर से किए जाने की परंपरा है. इधर जामताड़ा में विकास कार्यों के अधिकतर शिलापट्ट पर सत्तारूढ़ गठबंधन के जामताड़ा विधायक का ही नाम रहता है, जबकि क्षेत्र के दुमका लोक सभा संसदीय सीट से सांसद सुनील सोरेन का भी नाम रहना चाहिए. इसे लेकर दुमका से भाजपा सांसद सुनील सोरेन ने जामताड़ा दौरे में नाराजगी जाहिर की थी और सरकार-प्रशासन की आलोचना की थी. इस पर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सांसद पर क्षेत्र का विकास कार्य नहीं करने का आरोप लगाया. इस दौरान उनकी जुबान भी फिसल गई. उन्होंने सांसद को बच्चा तक कह डाला. हालांकि योजना लाने पर सहयोग की भी बात कही.
दरअसल, जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र दुमका लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है और जामताड़ा में विधायक कांग्रेस के इरफान अंसारी हैं जबकि दुमका लोकसभा क्षेत्र के सांसद भाजपा के सुनील सोरेन हैं. ऐसे में विकास कार्य के शिलापट्ट पर दोनों का नाम लिखा जाना चाहिए. इसी की सांसद ने आलोचना की थी, जिस पर जामताड़ा विधायक ने पलटवार किया है.
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