कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से प्रभावित हो चुका है. पढ़ाई से लेकर नामांकन और परीक्षाएं तक में कई बदलाव किए जा चुके हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 आने के बाद शिक्षाविद् इसे लेकर काफी गंभीर हैं. इसी के मद्देनजर मंगलवार को रांची के डीएसपीएमयू में एक ऑनलाइन गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है.
रांची: इन दिनों वेबिनार के माध्यम से शिक्षा जगत की अधिकतर मीटिंग, चर्चाएं और कई निर्देशों के साथ-साथ निर्णय भी लिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की ओर से मंगलवार को एक गोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है. इस वेबिनार में कई शिक्षाविद् एक साथ नई शिक्षा नीति पर विस्तृत चर्चा करेंगे.
इस वेबिनार के जरिए आयोजित गोष्ठी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर विशेष रूप से चर्चा होगी. पॉलिसी ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य डॉ आर एस कुरील, के जे सोमैया कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग मुंबई के प्राध्यापक और शिक्षाविद् मिलिंद सुधाकर मराठे अपना व्याख्यान प्रस्तुत करेंगे. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की ओर से इस गोष्ठी की अध्यक्षता कुलपति डॉ एस एन मुंडा करेंगे.
इस मौके पर डीएसडब्ल्यू डॉ नमिता सिंह, रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी समेत नोडल पदाधिकारी डॉ पंकज कुमार भी मौजूद रहेंगे. दरअसल नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा जगत में किए जा रहे बदलाव को लेकर केंद्रीय स्तर पर तमाम विश्वविद्यालयों को जानकारी दी जा रही है. तमाम योजनाओं के संबंध में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी जा रही है. इसी के तहत इस वेबिनार के माध्यम से यह गोष्ठी आयोजित की जा रही है.
इधर विभिन्न कॉलेजों के साथ-साथ रांची के जेएन कॉलेज धुर्वा में इंटरमीडिएट के छात्र 2020-22 के लिए साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स में ऑनलाइन नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू होकर 4 सितंबर तक जारी रहेगी. यह नामांकन प्रोविजनल होगा. इंटरमीडिएट के प्रोफेसर इंचार्ज डॉ अबरार अहमद से इस मामले को लेकर विद्यार्थी संपर्क कर सकते हैं. किसी भी तरीके की परेशानी होने पर इनके मोबाइल नंबर पर विद्यार्थी संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा कॉलेज की ओर से जारी की गई सिलेक्शन लिस्ट पर ऑनलाइन नामांकन कॉलेज की आधिकारिक वेबसाइट को भी देख सकते हैं
कोविड-19 संकट को देखते हुए विद्यार्थियों को शैक्षणिक प्रमाणपत्रों के वेरिफिकेशन के लिए कॉलेज आना नहीं होगा. बल्कि आवेदकों को एक अंडरटेकिंग लिख कर देना होगा, जो उनकी ओर से जो भी शैक्षणिक प्रमाण पत्र दिए गए हैं उसे सही ठहराएं. कॉलेजों की ओर से जारी मेरिट लिस्ट पर नामांकन प्रोविजनल होंगे. कोरोना संकट खत्म होने के बाद शैक्षणिक प्रमाणपत्रों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाएगा. विद्यार्थियों ने रांची विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज में फीस माफी की मांग को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रकट किया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट में इसे लेकर तालाबंदी भी की गई. निदेशक सतीश चंद्र गुप्ता ने कहा की फीस कम करने का निर्णय वे अपने स्तर पर नहीं ले सकते हैं. इसके खिलाफ विद्यार्थियों ने मैनेजमेंट स्टडीज सेंटर के समक्ष धरने पर बैठ गए. हालांकि प्रोवीसी की ओर से मामले पर संज्ञान लेते हुए आश्वासन दिया गया है.
अगले साल आयोजित होने वाले मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षाओं को देखते हुए राज्य के हाई स्कूल और प्लस-2 स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से स्कूल खोलने को लेकर राज्य सरकार ने एक बार फिर सुझाव मांगा है. सोमवार को इसकी शुरुआत हुई. अभिभावकों से ऑनलाइन शिक्षा से संबंधित भी सुझाव मांगे गए हैं.
अभिभावकों से पूछा गया है कि वह सितंबर, अक्टूबर-नवंबर या दिसंबर से स्कूल खोलने के पक्ष में है या फिर 21 दिनों तक जिला में कोई नया कोरोना संक्रमित की पहचान नहीं होने पर, 21 दिनों तक राज्य में कोई नया मामला नहीं होने पर, कोरोना की रोकथाम के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने के बाद या सरकार के निर्णय के अनुसार. ऐसे ही कई सवालों का जवाब ऑनलाइन तरीके से सरकार ने अभिभावकों से मांगा है. वहीं पठन-पाठन को लेकर ऑनलाइन डिजिटल कंटेंट की कमियों के बारे में पूछा गया है. इन्हीं सवालों के आधार पर अभिभावकों को सरकार को जवाब देना है.
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