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रांची सदर अस्पताल के कर्मचारियों ने चार घंटे तक किया काम ठप, स्वास्थ्य मंत्री ने की वापस काम पर जाने की अपील

रांची सदर अस्पताल में अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को 4 घंटे के लिए कामकाज ठप कर दिया था. काम ठप होने की जानकारी जैसे ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को
मिली, वे तुरंत ही सदर अस्पताल पहुंचे और आंदोलन कर रहे कर्मचारियों से बातचीत कर काम पर वापस जाने की अपील की.

रांची: राजधानी के सदर अस्पताल में अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार को चार घंटे के लिए कामकाज ठप कर दिया था, जिस वजह से अस्पताल पहुंचे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा
स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से काम को ठप करने की जानकारी जैसे ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को मिली, वे तुरंत ही सदर अस्पताल पहुंचे और आंदोलन कर रहे कर्मचारियों से बातचीत कर काम पर वापस जाने की अपील की. आंदोलनरत कर्मचारियों की स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता के बाद कुछ मांगों पर सहमति बनी. जैसे सैंपल कलेक्शन के लिए कर्मचारियों को सैंपल बूथ के अलावा अलग वाहन मुहैया कराई जाए. कर्मचारियों की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन और रांची के डीडीसी को 10 अलग गाड़ियां उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
कोविड-19 मरीजों की बढ़ रही संख्या को देखते हुए कर्मचारियों से लगातार काम लिया जा रहा है, जिस पर स्वास्थ्य कर्मियों ने मांग की है कि उन्हें अल्टरनेटिव दिन के हिसाब से छुट्टी दे दी जाए. कर्मचारियों की छुट्टी की मांग को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कर्मचारियों से आग्रह करते हुए कहा कि राज्य में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, इसलिए छुट्टी संभव नहीं है, क्योंकि मैन पावर की काफी कमी है और जिम्मेदारियां भी बड़ी है. फिलहाल कर्मचारियों की मांग को देखते हुए प्रत्येक चार दिन के बाद एक दिन की छुट्टी दी जाएगी.
स्वास्थ्य कर्मियों ने वार्ता के दौरान भोजन में देरी संबंधित असुविधा की जानकारी भी मंत्री को दी, जिस पर मंत्री ने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि कर्मचारियों की सहूलियत के हिसाब से बेहतर व्यवस्था कर उनके भोजन की समस्या को दूर किया जाए, ताकि कर्मचारियों को सही समय पर भोजन मिल सके. वहीं सदर अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने इंसेंटिव की मांग स्वास्थ्य मंत्री से रखी. इस पर उन्होंने एनएचएम के निदेशक रवि शंकर शुक्ला को फोन कर निर्देश दिया कि इंसेंटिव को लेकर अन्य राज्यों में जो सुविधा और प्रयास किए जा रहे हैं, उसकी समीक्षा कर एक प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को
भेजा जाए, जिस पर वह खुद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करेंगे.
स्वास्थ्य मंत्री से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन कर रहे कर्मचारियों ने अपना हड़ताल वापस लिया. उनके इस विरोध प्रदर्शन के दौरान अस्पताल का काम चार घंटे तक बाधित रहा, जिस से आने वाले मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.