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राज्यसभा जाने के सवाल पर सीएम नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, अपने अंदाज में दिया यह जवाब

राज्यसभा जाने के सवाल पर सीएम नीतीश ने तोड़ी चुप्पी, अपने अंदाज में दिया यह जवाब

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि वे राज्यसभा नहीं जाएंगे. पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने मुस्कुराकर कहा, ‘ऐसे ही कुछ भी छपते रहता है, हम भी देखकर आश्चर्यचकित रहते हैं.’ असल में पिछले दिनों अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा था कि उनकी राज्यसभा जाने की इच्छा बची हुई है.
पटना: पिछले कुछ दिनों से सीएम नीतीश कुमार की राज्यसभा जाने की इच्छा ने बिहार की राजनीति में खलबली मचा दी है. तमाम तरह के कयास लग रहे हैं लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खुद स्थिति स्पष्ट कर दी है. आज पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, ‘ऐसे ही कुछ भी छपते रहता है, हम भी देखकर आश्चर्यचकित रहते हैं.’ उनके इस बयान के बाद फिलहाल यह माना जा सकता है कि वे अभी बिहार की राजनीति में ही सक्रिय रहेंगे.
बिहार विधान परिषद चुनाव में वोट डालने के बाद पटना में पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यसभा जाने की इच्छा मामले पर सीएम ने सफाई दी है. पहली बार पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे भी आश्चर्य होता है इस तरह की खबरों को देखकर. उन्होंने एक तरह से इसका खंडन किया है. वहीं बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि दस अप्रैल को प्रचार करने वे भी जाएंगे. कानून व्यवस्था को लेकर भी कहा कि कुछ लोग तो गड़बड़ करने वाले होते हैं लेकिन सख्ती से कार्रवाई की जा रही है.
दरअसल, बुधवार को संवाददाताओं के साथ अनौपचारिक बातचीत में उन्होंने कहा कि उनकी इच्छा है कि वह राज्यसभा जाएं. विधानमंडल के बजट सत्र के दौरान सीएम ने बिहार विधानसभा में अपने कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ”वह किसी भी समय राज्यसभा के सदस्य बनना चाहते हैं.” आपको बता दें कि नीतीश बिहार विधानसभा, विधान परिषद और लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. अगर वह राज्यसभा का रुख करते हैं तो सभी सदनों के सदस्यों के रूप में उनका नाम अंकित हो जाएगा. नीतीश अगर राज्यसभा जाते हैं तो वे उस लिस्ट में शामिल हो जाएंगे, जो संसद और विधानसभा के सभी सदनों के सदस्य रहे हैं.
बिहार में 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को बहुमत तो मिल गया लेकिन नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को केवल 43 सीटें मिली थी और पार्टी तीसरे नंबर पर पहुंच गई. हालांकि अब जेडीयू की संख्या बढ़कर 45 हो गई है. वहीं, बीजेपी की सीटों की संख्या 77 है. दोनों दलों में सीटों के अंतर की बात करें तो 32 सीट का बड़ा अंतर है. बीजेपी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बन चुकी है और बीजेपी के विधायक अपने बयानों से लगातार दबाव भी बना रहे हैं. बीजेपी विधायक विनय बिहारी ने तो उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को मुख्यमंत्री बनाने की चर्चा भी छेड़ दी. उनका कहना है कि हम लोग चाहेंगे कि मुख्यमंत्री हमारी पार्टी से हो. वहीं बीजेपी विधायक पवन जायसवाल का कहना है कि नीतीश कुमार ने जो राज्यसभा जाने की इच्छा जताई है, हम लोग उसका स्वागत करते हैं. साथ ही उनको शुभकामना भी देते हैं.