राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए गड़बड़ी के मामले में बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी के प्रतिनिधि मंटू सोनू का बयान दर्ज कर लिया गया है. बताया जा रहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने चुनाव में 5 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया था.
रांची: राज्यसभा चुनाव 2016 में हुए गड़बड़ी मामले में जगन्नाथपुर पुलिस ने बड़कागांव की पूर्व विधायक निर्मला देवी के प्रतिनिधि मंटू सोनू का बयान दर्ज कर लिया गया है. मंटू सोनी ने अपने बयान में बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के एवज में 5 करोड़ रुपये देने का प्रलोभन दिया था.
कांड के अनुसंधानकर्ता जगन्नाथपुर थाना प्रभारी अभय कुमार सिंह ने मंटू सोनी का बयान दर्ज किया है. इससे पहले इस मामले में जेल में बंद पूर्व विधायक योगेंद्र साव, पूर्व विधायक निर्मला देवी, बाबूलाल मरांडी से भी पूछताछ कर चुकी है. रविवार को मंटू सोनी को जगन्नाथपुर थाने में बुलाया गया था. जहां उसने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में वोट देने के एवज में पांच करोड़ रुपये देने का प्रलोभन दिया था. जिसे एयरपोर्ट रोड स्थित होटल ग्रीन एकड़ में देना था. मंटू सोनी ने ही फोन पर निर्मला देवी के पति पूर्व मंत्री योगेंद्र साव से मुख्यमंत्री रघुवर दास और मुख्यमंत्री के सलाहकार से बात कराई थी. मंटू के अनुसार उस समय पुलिस के बड़े अधिकारी और सत्ताधारी के बड़े नेता ने तत्कालीन काग्रेस विधायक निर्मला देवी को भाजपा में शामिल होने के लिए भी दबाव बनाया था. मतदान के दिन यानी 10 जून 2016 तक उनके मोबाइल पर फोन आता रहा और प्रलोभन मिलता रहा, लेकिन तत्कालीन विधायक निर्मला देवी ने गलत नहीं किया.
मंटू ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि 9 जून 2016 को उसके मोबाइल पर तत्कालीन सीएम के सलाहकार अजय कुमार का फोन आया था. फोन पर निर्मला देवी से बातचीत के बाद उन्हें तत्कालीन एडीजी स्पेशल ब्रांच अनुराग गुप्ता के यहां बुलाया गया. जब निर्मला देवी एडीजी के घर गईं तब वहां पहले से उनके पति योगेंद्र साव, अजय कुमार, अनुराग गुप्ता मौजूद थे. जहां अजय कुमार ने कहा कि भाभी अगर आप वोट देने नहीं जाएंगी तो आपके ऊपर सारे केस खत्म कर दिए जाएंगे. आपके सभी काम होंगे और आपको एक करोड़ रुपये भी मिलेंगे. निर्मला देवी ने
बताया कि तब जवाब में उन्होंने कुछ भी नहीं कहा, आगे की सारी बात उनके पति योगेंद्र साव से की गई.
मंटू के अनुसार 10 जून को तत्कालीन सीएम रघुवर दास निर्मला देवी के घर पर आए थे. तब निर्मला देवी ने अपने पति योगेंद्र साव को उनके बातचीत करने के लिए भेजा. जाते समय तत्कालीन सीएम ने वोट नहीं देने जाने की बात कही और उनकी पार्टी ज्वाइन करने को कहा. पांच करोड़ देने की बात भी कही गई और कहा गया कि तुम्हारा सारा काम हो जाएगा. सीएम ने कहा कि बाकी सारी बातें तुम्हारे पति से हो गई है.
मंटू सोनी के अनुसार 11 जून 2016 को वोटिंग के दिन उसे और योगेंद्र साव के फोन पर सीएम के सलाहकार और एडीजी ने कई बार कॉल किया. लेकिन उन्होंने किसी से बात नहीं की. उसी दिन निर्मला देवी हेमंत सोरेन के घर गई और प्रार्थना की और कहा कि किसी तरह उन्हें वोट देने की व्यवस्था की जाए. इसके बाद हेमंत सोरेन खुद उन्हें अपनी गाड़ी से लेकर विधानसभा गए थे.
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