झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के 80 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को पदक से नवाजा गया है. इनमें विशिष्ट सेवा के लिए झारखंड राज्यपाल पदक, वीरता के लिए झारखंड मुख्यमंत्री पदक और
सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक शामिल है. झारखंड पुलिस के आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए राज्यपाल पदक से नवाजा गया है.
रांची: झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के 80 पुलिस पदाधिकारियों और कर्मियों को पदक से नवाजा गया है. इनमें विशिष्ट सेवा के लिए झारखंड राज्यपाल पदक, वीरता के लिए झारखंड मुख्यमंत्री पदक और सराहनीय सेवा के लिए झारखंड पुलिस पदक शामिल है. जैप वन ग्राउंड में हुए अलंकरण समारोह में सबसे ज्यादा तालियां झारखंड जगुआर ने बटोरी. नक्सलियों के खिलाफ लोहा लेने वाली झारखंड पुलिस की पहली अपनी फोर्स ने आईजी ऑपरेशन साकेत सिंह के नेतृत्व में हर मोर्चे पर बेहतरीन काम की और आधे से अधिक मेडल अपनी झोली में डाल ली
झारखण्ड पुलिस के आईजी अभियान साकेत कुमार सिंह को विशिष्ट सेवा के लिए राज्यपाल पदक से नवाजा गया है. विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त करने के बाद आईजी अभियान साकेत सिंह काफी खुश नजर आए, लेकिन उन्हें खुशी इस बात की ज्यादा थी कि उनकी टीम यानी झारखंड जगुआर ने राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आधे से अधिक मेडल लेकर जगुआर के नाम कर चार चांद लगा दिए. नक्सलियों के खिलाफ जंग में अपनी जान की बाजी लगाकर झारखंड जगुआर के जवान और अधिकारी नक्सलियों की हर मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं और उनकी इसी काबिलियत और सफलता की गवाही अलंकरण समारोह में मिले मेडल भी है. आईजी साकेत सिंह के अनुसार, मेडल पूरी टीम की मनोबल को ऊंचा करता है
आईजी साकेत कुमार सिंह को भी विशिष्ट सेवा के लिए राज्यपाल पदक से नवाजा गया है. पदक मिलने के बाद आईजी साकेत का पूरा परिवार बेहद खुश नजर आया. साकेत सिंह की पत्नी और दोनों बेटियां अपने पिता के मेडल के साथ तस्वीरे कैद करती नजर आईं. साकेत सिंह के अनुसार, पुलिस की नौकरी में परिवार को बेहद समझौता करना पड़ता है. पुलिस की नौकरी में कई बार परिवार को भूलना भी पड़ता है, लेकिन परिवार का सहयोग हमेशा बना रहता है और यह उनके लिए मनोबल बढ़ाने वाला होता है
झारखंड जगुआर की सफलता का ग्राफ बढ़ने से झारखंड के डीजीपी एमवी राव भी बेहद खुश और प्रभावित नजर आएं. डीजीपी के अनुसार, झारखंड जगुआर नक्सलियों के खिलाफ सबसे कारगर हथियार साबित हो रहा है. झारखंड जगुआर को मिले मेडल इस बात की ओर इशारा भी करते हैं. डीजीपी के अनुसार, वर्तमान में झारखंड जगुआर किसी भी फोर्स से कम नहीं है.
झारखंड जगुआर की चर्चा के बीच आपको एक वीडियो भी दिखाते हैं. यह वीडियो नक्सलियों के खिलाफ झारखंड जगुआर की बीडीएस टीम की सफलता का गवाह है. झारखंड जगुआर की बीडीएस टीम ने समय रहते सड़क के बीचों-बीच लगाए गए लैंडमाइंस को निष्क्रिय कर कई जवानों की जान बचाई. इस बार झारखंड जगुआर के बम निरोधक दस्ते को भी मेडल से नवाजा गया है. मुठभेड़ के बीच झारखंड जगुआर की बीडीएस टीम ने अपनी जान पर खेलकर बीच रास्ते में लगे बम को निष्क्रिय किया था.
सिपाही नारायण कुमार नेवार (झारखंड जगुआर), हवलदार विक्की गुरुंग (झारखंड जगुआर), सिपाही राजीव कुमार रजक (झारखंड जगुआर), सिपाही बिनू माझी (झारखंड जगुआर), जमादार राजीव रंजन कुमार (झारखंड जगुआर), सिपाही सत्येंद्र खेरवार (झारखंड जगुआर), सिपाही सीताराम उरांव (झारखंड जगुआर), सहायक समादेष्टा विकास सिंह (झारखंड जगुआर), हवलदार शैलेंद्र कुमार (झारखंड जगुआर), हवलदार चंद्र कुमार क्षेत्री (झारखंड जगुआर), सिपाही लालू कुमार रजक (झारखंड जगुआर), सिपाही मो. शाहनवाज खान (झारखंड जगुआर), सिपाही योगेश राणा (झारखंड जगुआर), सिपाही सुभाष प्रमाणिक (झारखंड जगुआर) और सिपाही पूरन कुमार रवानी झारखंड जगुआर) को वीरता के लिए झारखंड मुख्यमंत्री पदक मिला
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