नई दिल्ली : राफेल फाइटर प्लेन को की खूबियों पर भारत में सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है. वहीं पड़ोसी मुल्क खासकर पाकिस्तान काफी परेशान है. लद्दाख में तरह-तरह की चालबाजियां कर रहे चीन ने अभी तक इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. लेकिन पाकिस्तान इससे खासा परेशान दिख रहा है और वह भारत को अंतरराष्ट्रीय मंचों में किए गए वादों को याद दिला रहा है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि राफेल के पास जो तकनीकी ताकत है उसका मुकाबला करने के लिए न तो चीन और न ही पाकिस्तान के पास ऐसा कोई विमान है. राफेल विमान अपनी ही सीमा पर रहकर कई सैकड़ो किलोमीटर दूर तक निशाना साध सकता है. उसमें लगने वाली हमर मिसाइल पहाड़ों में बंकर बनाकर छिपे दुश्मन को तबाह कर सकती हैं. लद्दाख, सियाचीन जहां चीन और पाकिस्तान की हमेशा नजरें रहती हैं, इन इलाकों के लिए राफेल विमान एक अचूक हथियार साबित होता दिख रहा है. काफी कम समय और भारत की जरूरतों के देखते हुए फ्रांस ने इन विमानों को भारत के लिए मुहैया करा दिया है. ये पूरा सौदा 36 विमानों के लिए हुआ जिसकी कुल कीमत 60 हजार करोड़ के आसपास है. हालांकि यह रक्षा सौदा भी विवादों से अछूता नहीं रह पाया है.
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जहां तक बात करें इन फाइटर प्लेन के भारत आने के बाद दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन की तो निश्चित पर भारतीय वायुसेना की ताकत में खासा इजाफा हुआ है. इस बात का अंदाजा हम पाकिस्तान की ओर से आ रहे बयानों से लगा सकते हैं. पाकिस्तान ने गुरुवार को कहा कि उसने वो खबरें देखी हैं कि भारत ने फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमान खरीदे हैं, जिनमें सुधार कर उन्हें परमाणु हथियार से लैस किया जा सकता है. पाकिस्तान के विदेश विभाग की प्रवक्ता आयशा फारुकी ने अपने साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारतीय वायुसेना द्वारा हाल ही में प्राप्त किए गए राफेल विमानों से जुड़ी खबरें हमने देखी हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यह परेशानी का सबब है कि भारत अपनी सुरक्षा जरुरतों से ज्यादा सैन्य क्षमता जुटाना जारी रखे हुए है.
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