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पुलवामा में शहीद जवानों का थाने में अपमान

जमशेदपुर में बर्मामाइंस थाने में पुलवामा हमले में शहीद जवानों की तस्वीर कचडे के ढेर में देखी गई. किसी ने भी वीर शहीदों की तस्वीर को कबाड़ खाने से हटाना उचित नहीं समझा. बाद में जानकारी होने पर तस्वीर वहां से हटा ली गई

जमशेदपुर: देश के लिए शहीद होने वाले जवानों को देश सदा याद करता है. उन्हें सम्मान देता है. जमशेदपुर में बर्मामाइंस थाने में कुछ अलग नजारा देखने को मिला. थाना भवन में कबाड़ खाने में पुलवामा हमले में शहीद जवानों की तस्वीर को रखा गया था. इस बात की जानकारी जब थाना प्रभारी को दी गई तो थाना प्रभारी कुछ भी कहने से कतराते रहे.
जमशेदपुर के बर्मामाइंस थाना में शहीदों के अपमान का एक नजारा देखने को मिला है. थाना प्रभारी के चैंबर से महज 10 मीटर की दूरी पर थाना भवन के बाहर कबाड़ खाना में पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की तस्वीर को रखा गया था. जिसपर धूल जम चुका था इतना ही नहीं यह नजारा थाना के बैरक के बाहर का है, जहां पुलिसकर्मी रहते हैं और उसी रास्ते से होकर थाना प्रभारी भी गुजरते हैं. लेकिन किसी ने वीर शहीदों की तस्वीर को कबाड़ खाने से हटाना उचित नहीं समझा.
झारखण्ड वाणी संवाददाता की नजर जब शहीद जवानों की तस्वीर पर पड़ी तो उन्होंने इस बात की जानकारी थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह को दी. थाना प्रभारी अपने चैंबर से बाहर निकले और आनन-फानन में जवान से कहकर तस्वीर को वहां से हटवाया और अपने हाथों में लेकर कुछ पल देखे और उसे सिरिस्ता में मौजूद अलमीरा के ऊपर रखवा दिया.
14 फरवरी 2019 के दिन पुलवामा हमले में 45 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे. शहीद हुए जवानों की तस्वीर पर 1 साल पूरा होने पर इस थाने में श्रद्धांजलि भी दी गई थी. बर्मामाइंस थाना प्रभारी विनोद कुमार सिंह से जब शहीद जवानों की तस्वीर के अपमान पर पूछा गया तो झारखण्ड वाणी संवाददाता से भागते रहे. सिर्फ इतना कहा कि उन्हें इस तस्वीर की कुडेदान में फेंके जाने की कोई जानकारी नहीं थी