पुलिसकर्मियों तक पहुंची तथाकथित नेता के वीडियो की आंच, आरोपी के फरार होने के मामले में एस आई, एएसआई और पुलिस जवान निलंबित
धनबाद में तथाकथित कांग्रेस नेता के वीडियो की आंच पुलिसकर्मियों तक पहुंच गई है. आरोपी के निचितपुर अस्पताल से फरार होने के मामले में उस दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर एसएसपी ने कार्रवाई की है. एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने कतरास थाने के सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण हांसदा, एएसआई शाहिद अंसारी और पुलिस जवान भागी उरांव को निलंबित कर दिया है.
धनबाद: डीजीपी एमवी राव के आदेश और जांच के बाद एसएसपी असीम विक्रांत मिंज ने कतरास थाने के सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण हांसदा, एएसआई शाहिद अंसारी और पुलिस जवान भागी उरांव को निलंबित कर दिया है. इन पर काम में लापरवाही, अनुशासनहीनता, निजी स्वार्थ एवं कार्य के दौरान ठीक से पुलिस की भूमिका नहीं निभाने का आरोप है.
दरअसल, आमिर रईस नाम के एक शख्स ने डीजीपी एमवी राव और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें कतरास थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे और कार्रवाई की मांग की गई थी. डीजीपी ने मामला पर संज्ञान लेते हुए धनबाद पुलिस को कार्रवाई के आदेश दिए थे. इसके बाद यह कार्रवाई की गई है.
डीजीपी और मुख्यमंत्री के ट्विटर अकाउंट को टैग किए गए वीडियो में कतरास मस्जिद पट्टी के रहनेवाले तथाकथित कांग्रेस नेता जावेद रजा तलवार और पिस्टल लहराते और मारपीट में शामिल दिखाई दे रहे हैं. इस पूरे मामले पर डीजीपी ने धनबाद पुलिस को जांच के आदेश दिए थे. जांच में यह बातें सामने आई थी कि जावेद रजा पर आर्म्स एक्ट समेत अन्य धाराओं के तहत कतरास थाने में छह फरवरी को प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
गिरफ्तारी के बाद उसे निचितपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. आरोपी की सुरक्षा के लिए सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण हांसदा, एएसआई शाहिद अंसारी और पुलिस जवान भागी उरांव की प्रतिनियुक्ति की गई थी, लेकिन पुलिस अधिकारी और जवान की लापरवाही के कारण गिरफ्तार जावेद रजा मौके से फरार हो गया था. अब उसका वीडियो वायरल होने के बाद डीजीपी ने जांच के आदेश दिए और जांच के बाद लापरवाही में एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए तीनों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है.
एसपी ग्रामीण नौशाद आलम ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि इस मामले में पूर्व में ही रॉकी और सहजान गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं. घटना में इस्तेमाल हथियार पूर्व में ही बरामद कर लिए गए थे. एसपी आलम ने बताया कि संतोष उर्फ सूरज पीएलएफआई के लिए काम करता है. उसके खिलाफ हत्या और लेवी वसूली के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज है. लोहरदगा निवासी संतोष उर्फ सूरज के खिलाफ सेन्हा, लोहरदगा, पुसो और रातू में हत्या, लूट, रंगदारी, 17 सीएलए के मामले दर्ज हैं. वह फरार चल रहा था. जिसे दिसंबर 2020 को लोहरदगा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
रातू थाना क्षेत्र के पिर्रा में 30 दिसंबर 2019 की शाम सवा सात बजे तीन नकाबपोश अपराधियों ने जमीन कारोबारी की गोली मारकर हत्या कर दी थी. अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम उनके घर से 50 कदम की दूरी पर दिया था. कमलेश अपनी किराना की दुकान बंदकर दो कर्मियों के साथ घर जा रहे थे. इसी दौरान तीन नकाबपोश अपराधी पहुंचे. अपराधियों ने उन्हें तीन गोली दागी थी. इसके बाद तीनों बाइक से फरार हो गए. आनन-फानन में परिजन उन्हें रिम्स ले गए, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
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