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पश्चिम बंगाल सरकार ने तोड़ा चांदपुर पुल, नहीं हो पाएगा सामानों का परिवहन

पश्चिम बंगाल सरकार नए पुल के निर्माण के नाम पर पुराने चांदपुर पुल को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है. इस कार्रवाई से पाकुड़ से पश्चिम बंगाल, बिहार सहित कई राज्यों के अलावा निकटवर्ती बंग्लादेश से अब सीधे पत्थरों से लदे वाहन या दूसरे

सामानों का परिवहन नहीं हो पाएगा.

पाकुड़: जिले की अर्थव्यवस्था के लिए लाइफ लाइन बनी पाकुड़-धुलियान मुख्य सड़क पर भारी वाहनों का परिचालन बंद हो गया है. भारी वाहनों के परिचालन बंद होने के कारण पत्थर, बीड़ी कारोबार सहित अन्य व्यवसाय से जुड़े हजारों लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए है. वहीं, पश्चिम बंगाल सरकार नए पुल के निर्माण के नाम पर पुराने चांदपुर पुल को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है, जिससे पाकुड़ की अर्थव्यवस्था को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है.
पश्चिम बंगाल सरकार ने डायवर्सन और विकल्प के रूप में एक छोटा पुल का निर्माण जरूर कराया है, लेकिन इस वैकल्पिक व्यवस्था से पत्थर कारोबार से जुड़े कारोबारियों को कोई राहत नहीं मिलने वाली है. चांदपुर पुल को तोड़ने की शुरू की गई कार्रवाई की वजह से पाकुड़ से पश्चिम बंगाल, बिहार सहित कई राज्यों के अलावा निकटवर्ती बंग्लादेश से अब सीधे पत्थरों से लदे वाहन या दूसरे सामानों का परिवहन नहीं हो पाएगा. इसके चलते वाहन मालिकों को दूसरे रास्तों का सहारा लेना पड़ेगा. इस बावत वाहनों को लंबी दूरी तय करनी होगी और अतिरिक्त आर्थिक बोझ भी झेलना पड़ेगा.
चांदपुर पुल के टूटने के बाद ट्रक चालक जिस वैकल्पिक रास्ते का सहारा लेंगे, उसकी भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है. पाकुड़ धुलियान मुख्य सड़क चांदपुर स्थित पुल को तोड़े जाने के बाद व्यवसायियों को नुकसान तो उठाना ही पड़ेगा. वहीं सरकार को भी करोड़ों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ेगा
वाहन मालिकों ने बताया कि लाॅकडाउन के दौरान कारोबार ठीक से नहीं चल रहा. इसी दौरान चांदपुर पुल को तोड़ देना जल्दीबाजी में लिया गया गलत निर्णय है. पत्थर कारोबार से जुड़े कारोबारियों ने बताया कि जब पत्थरों से लदे वाहनों का परिचालन ही प्रभावित होगा तो खदानों में उत्खनन और उसका कारोबार कैसे चलेगा.