जमशेदपुर: गत कुछ दिनों से पम्पों पर पेट्रोल-डीजल में पानी मिलाए जाने की आ रही शिकायतों पर पेट्रोल डीलर एसोसिएशन के कोल्हान महासचिव कुणाल कर ने इसे पूरी तरह असत्य बताया है। इसके पीछे के तकनीकी सच को ग्राहकों के समक्ष रखते हुए उन्होंने कहा है कि इसकी मूल वजह है तेल कंपनियों के द्वारा डीजल-पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल तेल में मिलाकर भेजना। चूंकि अभी बारिश का मौसम है, रोज इस्तेमाल में आनेवाले वाहनों का ढक्कन ठीक तरह से बंद नहीं रहता है जिससे टैंक में पानी जाना स्वाभाविक है। अगर किसी भी वजह से पानी फ्यूल टैंक के अन्दर जाता है तो तेल में मिले इथेनॉल तेल के 10 प्रतिशत हिस्से को पानी में बदल देता है। यही उपरोक्त शिकायत का मूल कारण हो सकता है। उल्लेखनीय है कि फ्यूल डिलीवरी पाइप में पानी आने की कोई संभावना नहीं, क्योंकि इसमें एक प्रकार का सेंसर लगा होता है। अगर किसी भी कारण से फ्यूल डिलिवरी पाईप में पानी आ-जाए तो उक्त सेंसर पानी को सेंस कर फ्यूल डिलिवरी स्वयं बंद कर देता है। पानी तेल से भारी होता है, इसलिए पानी नीचे बैठ जाता है। उन्होंने लोगों से समय-समय पर वाहनों के टैंक को साफ कराने तथा फ्यूल टैंक के ढक्कन को सही पैकिंग देकर बन्द करने का भी सुझाव दिया है।
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