बोकारो के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह पिलपिलो जंगल में रविवार को सैकड़ों लोगों ने पेड़ों में रक्षासूत्र बांध पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पेड़ों में रक्षा सूत्र बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया और लोगों को पर्यावरण से अटूट नाता जोड़ने की बात कही.
बोकारो: जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र अंतर्गत नावाडीह पिलपिलो जंगल में पेड़-पौधे को रक्षासूत्र से बांधकर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प ग्रामीणों ने लिया. करीब 3 किलोमीटर में फैले इस जंगल में सैकड़ों की संख्या में रविवार को स्थानीय और दूर-दराज से आए महिला-पुरुषों ने रक्षा सूत्र बांध वृक्षों को बचाने का संकल्प लिया. इस मौके पर सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए प्रकृति के साथ मानव का संबंध आदिकाल से रहा है. इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी मिलता है.पेड़ों की रक्षा को लेकर बोकारो में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के नेतृत्व में घोर नक्सल प्रभावित नावाडीह पिलपिलो जंगल में पेड़-पौधों को रक्षासूत्र में बांधकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया. इस मौके पर स्थानीय और दूर-दराज से आए महिला-पुरुषों ने रक्षा सूत्र बांध वृक्षों को बचाने का संकल्प लिया.
इस मौके पर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि पेड़-पौधों का प्राकृतिक वातावरण को स्वच्छ बनाने में बहुत बड़ा योग्यदान है. पेड़-पौधों के बिना जीवन की कल्पना करना संभव नहीं है. उन्होंने लोगों को संदेश देते हुए कहा कि रिश्ते और पेड़-पौधे एक जैसे होते हैं, अगर भूल जाओ तो दोनों ही सूख जाते हैं. पेड़ इंसान की जरूरत है. यह जीवन का आधार है. यही कारण है कि सभी धर्मों में पेड़-पौधे को प्राथमिकता दी गई है. भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है. भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों की पूजा होती है. यही कारण है कि समाज में आज भी बुद्धिजीवी पेड़-पौधे
लगाने की ओर हर समय संजीदगी दिखाते हैं.
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