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नक्सल अभियान के दौरान जवानों को मलेरिया/टाइफाइड का खतरा, नियमित हो रही जांच

पश्चिमी सिंहभूम जिला के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा कोरोना काल में पुलिसकर्मियों को लेकर सजग हैं. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा निश्चित तौर से जवानों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है. सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन
और मास्क लगाने की जानकारी देने के साथ-साथ थानों को सेनेटाइज किया जा रहा है.

चाईबासा: जिला अंतर्गत तैनात सभी पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों को काम के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचने संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां और स्वास्थ विभाग की ओर से जारी आवश्यक दिशा निर्देश से अवगत कराया जा रहा है. साथ ही दिशा निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करवाने से संबंधित
निरीक्षण भी लगातार किया जा रहा है.
बता दें कि अभी तक 400 से अधिक पुलिस पदाधिकारी और जवानों की कोरोना वायरस संक्रमण जांच की गई है और इनमें लगभग पचास व्यक्ति वायरस संक्रमित पाए गए हैं. पश्चिमी सिंहभूम जिला के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा ने बताया कि हाल के दिनों में पुलिस के जवानों ने न केवल कोविड-19 वायरस संक्रमण नियंत्रण के दौरान विधि व्यवस्था के साथ नक्सलियों के विरुद्ध संचालित अभियान में भी बेहतर तरीके से जिम्मेदारियों का निर्वहन किया है. पुलिस ने लगातार उपलब्धियां भी हासिल की हैं. इन सभी के बावजूद कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा निश्चित तौर से जवानों के लिए भी चुनौतीपूर्ण है.
एसपी ने बताया कि इस चुनौती से निपटने के लिए पुलिस विभाग पूरी तरह से तत्पर है और सभी संक्रमित जवानों से संपर्क रखा गया है. विधिवत कोविड-19 अस्पताल में उनका इलाज किया जा रहा है. आम जनता के साथ पुलिसकर्मियों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के अनुपालन और मास्क लगाने की जानकारी देने के साथ-साथ थानों को सेनेटाइज किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि नक्सल प्रभावित जिला होने के कारण ऑपरेशन के दौरान मलेरिया/टाइफाइड की भी समस्या पेयजल के कारण उत्पन्न होती है. इससे भी संबंधित जांच पुलिस जवानों की करवाई जा रही है. इसमें सकारात्मक पक्ष यह है कि सिर्फ एक या दो जवान ही मलेरिया से संक्रमित पाए गए हैं और बाकी सभी जवान स्वस्थ हैं.