झारखण्ड वाणी

सच सोच और समाधान

नेक वही सन्तान मुसाफिर

नेक वही सन्तान मुसाफिर
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जीवन का विस्तार मुसाफिर
सुख दुख हो स्वीकार मुसाफिर
जिसे नेक सन्तान मिले हैं
सुखी वही परिवार मुसाफिर

जीवन जैसे रेल मुसाफिर
बिछुड़े, फिर हो मेल मुसाफिर
मत समझो ये जीवन केवल
है पैसों का खेल मुसाफिर

मुमकिन नित्य सुधार मुसाफिर
जिन्दा रहे विचार मुसाफिर
इक समान बच्चे, बूढ़े को
देते रहना प्यार मुसाफिर

नहीं झूठ का मोल मुसाफिर
मन की गांठें खोल मुसाफिर
सदा सहेजो कोमल रिश्ते
रिश्ते हैं अनमोल मुसाफिर

कभी हार तो जीत मुसाफिर
जीवन हर पल गीत मुसाफिर
अच्छे बच्चे अक्सर। बनते
मातु पिता के मीत मुसाफिर

सब रिश्तों से आस मुसाफिर
कुछ होते हैं खास मुसाफिर
हमें बढ़ाना नित परिजन में
आपस का विश्वास मुसाफिर

नेक वही सन्तान मुसाफिर
रखे सभी का ध्यान मुसाफिर
बात सुमन ये कभी ना भूले
मातु पिता भगवान मुसाफिर

श्यामल सुमन